खाद की कमी से परेशान किसान अब बिना डीएपी डाले ही खेतों में गेहूं की बुआई करने को मजबूर, बोले- इस बार भगवान भरोसे खेती

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। मुंगेर में अभी डीएपी की भरपुर किल्लत है। किसान त्राहिमाम में हैं। हर प्रखंड में उर्वरक नहीं मिलने की वजह से किसानों की रबी फसल की बुआई प्रभावित हो रही है। किसान बिना दलहन और तिलहन और गेहूं की डीएपी व अन्य उर्वरक के बिना ही बुआई करने को विवश हैं।

वहीं किसानों का कहना है कि गेहूं की बुआई बिना डीएपी और अन्य खादों के करने से फसल ठीक नहीं होगा। पैदावार भी कम हो जाएगी। जिले के  असरगंज प्रखंड के किसान तो  अब आंदोलन पर उतर चुके हैं।

किसान मजबूरन अधिक दरों में डीएपी खरीदने को विवश हैं। किसान राम प्रसाद भोला सिंह ने बताया कि  विस्कोमान भवन का चक्कर लगा रहे पर डीएपी नहीं मिली। मिक्चर खाद के लिए भी कतार लगाया पर वह भी उनकी बारी आते-आते आउट ऑफ स्टॉक हो गया।

किसानों का कहना है कि 15 दिसंबर तक गेहूं बुआई का आदर्श समय है। पर बिना खाद के बुआई नहीं हो पा रहा है। खेतों की जुताई 10 दिन पूर्व कर दिए जाने की वजह से अब नमी भी गायब हो रही है। डीएपी के अभाव में जिले में सिर्फ 25 प्रतिशत ही गेहूं की बुआई हो सकी है।

बता दें कि लागभग 5 हजार किसान अपने खेतों में दलहन और तिलहन और गेहूं बुआई करते हैं पर आवश्यकता से काफी कम संख्या में खाद उपलब्धता के कारण  किसानों के खेतों में खाद नही पहुंच पा रहा है। असरगंज प्रखंड में दो सरकारी दुकानों में अब तक मात्र 400 बोरा खाद की उपलब्धता कार्रवाई गई है।

प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि डीएपी का रैक आ गया है अब किसानों को खाद की कमी नही होने दि जाएगी। हालांकि पदाधिकारी ने भी माना कि मांग के अनुरूप खाद की नही हो रही पूर्ति । जिस वजह से है परेशानी ।

मुंगेर से मों इम्तियाज की रिपोर्ट

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