नई दिल्ली। खिलौना बाजार में चीन के वर्चस्व को झटका लग सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 68वें संस्करण में मुख्य रूप से खिलौना बाजार को लेकर कारोबारियों को देश में वीडियो गेम्स और खिलौने बनाने की अपील की है। पीएम ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में गेम्स हों, खिलौने का सेक्टर हो, यह जरूरी है।
पीएम ने कहा. ‘ग्लोबल टॉय इंडस्ट्री 7 लाख करोड़ रु. से अधिक की है.लेकिन इतना बड़ा कारोबार में भारत का हिस्सा बहुत कम है। पीएम ने कहा कि सोचनवाली बात है कि जिस देश में इतनी विरासत हो, परंपरा हो, विविधता हो, युवा आबादी हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी चाहिए। बता दें कि भारत के खिलौना बाजार में चीन की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत के करीब है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए चिंतन का विषय था- खिलौने और विशेषकर भारतीय खिलौने। हमने इस बात पर मंथन किया कि भारत के बच्चों को नए-नए खिलौने कैसे मिलें, भारत, खिलौने प्रोडक्शन का बहुत बड़ा हब कैसे बने.’
पर्यावरण के अनुकूल हो खिलौने
प्रधानमंत्री ने कहा कि खिलौना वो हो जिसकी मौजूदगी में बचपन खिले भी, खिलखिलाए भी . हम ऐसे खिलौने बनाएं, जो पर्यावरण के भी अनुकूल हों. उन्होंने कहा कि खिलौने जहां एक्टिविटी को बढ़ाने वाले होते हैं, तो खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं.