NEWSPR डेस्क। भागलपुर में सिल्क सिटी के बगल से संचालित बहने वाली गंगा ने अपनी भूमिका और स्वरूप दोनों बदल दिया है। गंगा ने रौद्र रूप धारण करना शुरू कर दिया है, इस कारण जल प्रलय की स्थिति उत्पन्न होना शुरू हो गई है। गंगा की लहरों से प्रशासनिक सिस्टम के बाढ़ के पूर्व तैयारी को लेकर किए जा रहे हैं। सभी दावे पूर्णरूपेण ध्वस्त दिख रही है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद नाथनगर प्रखंड के पंचायत के रतीपुर बैरिया, दिलदारपुर बिंद टोला सहित एक दर्जन गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जिसके बाद लोग ऊंचे स्थानों पर डेंगी के सहारे तो कोई बच्चे को कंधे पर लेकर किसी तरह तैर कर ऊंचे स्थानों पर जान खतरे में डालकर जा रहे हैं। अभी लोग बाढ़ के पानी से पूर्णरूपेण घिर चुके हैं और मजबूरन पुल पर रहना पड़ रहा है।
कुछ लोग तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय स्थित टीला कोठी में भी शरण ले रहे हैं। साथ ही महादेव सिंह कॉलेज के बगल में इवनिंग कॉलेज परिसर में मवेशियों को रखने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आदित्य प्रकाश ने बताया कि अभी आगे भी जलस्तर बढ़ने की संभावना है। कुछ लोगों को अपने आशियाने से इतना प्यार है कि वह अभी भी अपना घर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं। वह छप्पर पर ही शरण ले रहे हैं।
इस तरह चारों तरफ पानी में घिरे रहने से कभी भी बड़ी घटना घट सकती है। बता दें कि हर एक साल इन गांव में बाढ़ का पानी आता है। लेकिन ना तो सरकार की ओर से कोई व्यवस्था की जाती है और ना ही जिला प्रशासन इनके दर्द को देखने के लिए पहुंचा है। वहीं सरकार की ओर से नाव की भी व्यवस्था नहीं की गई है। बूढ़ानाथ के मसानी दरबार और पार्क में भी गंगा का पानी भर गया है। शहर में 24 घंटे में एक 11 सेंटीमीटर गंगा का जलस्तर बढ़ा है। अब खतरे के निशान से महज 28 सेंटीमीटर दूर है। अभी भी लगातार पानी बढ़ता जा रहा।
रिपोर्ट-श्यामानंद सिंह भागलपुर