NEWSPR डेस्क। कोसी के प्रमंडलीय आयुक्त सहरसा के ओएसडी सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी पुरुषोत्तम कुमार के बेटे का पटना में शव मिला है। शव दीघा थाना क्षेत्र के जनार्दन घाट के पास गंगा नदी से बरामद किया गया। बताया जा रहा है कि दीपक के सिर से खून निकल रहा था, कई जगह चोट के निशान थे। शव की शिनाख्त होते हीं पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिये अस्पताल भेज दिया। दीघा थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया गंगा में डूबने से मौत की संभावना प्रतीत हो रही है। हालांकि परिजन हत्या बता रहे हैं।
दीपक की हत्या से आहत स्वजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। कहा कि पुलिस ने शरीर पर जख्म का मुआयना तक नहीं किया। बिना देखे उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने शरीर पर मिले जख्म को भी पेपर में नहीं दिखाया। हद तो यह कि पुलिस बोली कि जल्दी एनएमसीएच जाएं नहीं तो शव को जानवर नोच लेंगे। स्वजनों का आरोप है कि घटना के पीछे गहरी साजिश है। शव से कपड़े हटाकर इस तरह रखा गया कि आत्महत्या लगे। लेकिन स्पष्ट दिख रहा है कि हत्या कर शव को गंगा में फेंक दिया गया है। दीपक के पिता ने बताया कि उन्हें बेटे के मोबाइल से ही सूचना दी गई थी। लेकिन दोषी की पहचान नहीं की जा रही है। परिजनों ने इस मामले में मेडिकल बोर्ड गठन करने की मांग की है।
दीपक का घर बुद्धा कॉलोनी थाना क्षेत्र के जगत अपार्टमेंट में है। दीपक ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। वे मुंबई में नौकरी करते थे। लॉकडाउन में घर आ गए थे। माता-पिता की इकलौती संतान दीपक की शादी हो चुकी थी। उनकी दो बेटियां हैं। बताया गया कि मंगलवार को दिन में दीपक स्कूटी लेकर घर से निकले थे। लेकिन शाम तक लौटे नहीं। उन्होंने कहा था कि दीघा घाट जा रहे हैं। परजनों ने बुद्धा कॉलोनी एवं दीघा थाने को इसकी सूचना दी। पुलिस छानबीन कर रही थी कि जनार्दन घाट से थोड़ा आगे बढ़ने पर दीपक की स्कूटी मिल गई। वहीं पर्स और कपड़े भी मिले। इसके बाद गोताखोरों को लगाया गया तो शव भी मिल गया।