बिहार की धार्मिक नगरी गया जी में पिंडदान व तर्पण करने से पूर्वजों की मोक्ष की प्राप्ति मिलती है, इसके लिए फल्गु का पवित्र पानी से पिंडदान व तर्पण किया जाता है जिसके बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है लेकिन माता सीता के श्रापित से फल्गु नदी मैं पानी नहीं रहती है, और इसी श्रापित को दूर करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा करीब 400 करोड़ की लागत से बिहार का पहला और भारत का सबसे लंबा रबड़ डैम का निर्माण कराया गया है जहां सालों भर 3 फीट पानी उपलब्ध रहेगी, लेकिन लगभग 2 महीने से यह रबड़ डैम पूरी तरह से सुखी हुई है, पानी नहीं रहने से दूर-दराज से आने वाली पिंडदानियों को तर्पण व पिंडदान करने के लिए काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है वहीं स्थानीय बच्चों के द्वारा फल्गु नदी में पानी खोज कर पिंडदानियों को पानी मुहैया करा रहे हैं इसके एवज में पिंडदानियों के द्वारा 5 या ₹10 बच्चों को पैसे देते हैं यानी कि कह सकते हैं कि फल्गु नदी का पानी खरीद कर पिंडदान व तर्पण कर रहे है। वही कुछ पिंडदानी गंदे पानी को भी अपने माथे पर छित रहे है।
हालांकि बता दे कि करीब 400 करोड़ की लागत से रबड़ डैम जिसे गयाजी डैम का नाम दिया गया था, जिसका निर्माण कराया गया था, वही कुछ महीने पानी रहा लेकिन पानी अत्यधिक गंदा हो जाने के कारण और सीता कुंड के पास कई प्रोजेक्ट का निर्माण कराए जाने को लेकर पानी को निकाला गया था, साथ ही फल्गु नदी मैं काफी मिट्टी जम गई थी जिसे सफाई करने के लिए पानी को बाहर निकाला गया था लेकिन 2 महीने के बाद भी यह सफाई नहीं हो पाई है और बताया जा रहा है कि अभी 1 से 2 महीने तक सफाई की जाएगी जिसके बाद बारिश का पानी आने के बाद इसमें फिर पानी से लबालब हो जाएगा।
वही बाहर से आए पिंडदानी ने भी कहा कि यहां पानी नहीं है ऐसे में पानी खरीद कर पिंडदान व तर्पण कर रहे हैं।