गया में बाल रिमांड होम के एक बाल बंदी की मौत, परिजनों ने जूविनाइल प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप

Patna Desk

 

 

 

NEWSPR DESK -गया,बिहार के गया में बाल रिमांड होम के एक बंदी की मौत हो गई है. 16 वर्षीय बंदी की मौत होते ही पारिजनों में चीत्कार मच गया. परिजनों का कहना है, कि बाल रिमांड होम में डायरिया फैला है, लेकिन बाल डिमांड होम प्रशासन इलाज नहीं कराता है, बल्कि मरने के लिए छोड़ देता है. इसी तरह की लापरवाही के कारण बाल रिमांड होम में बंदी नंंदू पासवान की मौत हुई है.

बाल रिमांड होम के एक बंदी की मेडिकल में मौत हो गई है. इस मौत के बाद परिजनों ने बाल रिमांड होम के पदाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कहा है, कि बाल रिमांड होम में डायरिया फैला है, लेकिन इलाज में काफी कोताही बरती गई, जिससे बाल बंदियों के परिजनों का विश्वास उठ गया है. यही वजह है, कि परिजन मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के बजाय निजी क्लिनिक में इलाज कराना चाहते हैं. इसी क्रम में एक बाल बंदी की मौत मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हो गई है.

 

जानकारी के अनुसार मृतक की पहचान मानपुर के गांधीनगर के रहने वाले नंदू पासवान 16 वर्ष के रूप में हुई है. बीते 7 जनवरी से वह बाल रिमांड होम में बंद था. परिजनों का कहना है, कि उसे मारपीट और रंगदारी के मामले में फंसाया गया था. इस बीच बीते दिन वह बाल रिमांड होम में डायरिया से बीमार हो गया था. इसके बाद हम लोगों के द्वारा उसका इलाज निजी क्लीनिक में बाल रिमांड होम के पुलिसकर्मियों की देखरेख में कराया गया. इलाज करने के बाद वह पूरी तरह से ठीक हो गया था. इसके बाद उसे फिर से बाल रिमांड होम में ले जाया गया था. किंतु, बीते दिन फिर उसकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद बाल रिमांड होम के पुलिसकर्मी उसे मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लेकर आए, लेकिन इलाज में कोताही बरती जाती रही. वहीं, बाल रिमांड होम के पदाधिकारी ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण आज नंदू पासवान 16 वर्ष की मौत हो गई है मृतक की मां श्यामा देवी और भाई चंदन कुमार ने आरोप लगाया है, कि बाल रिमांड होम में ठीक से इलाज और देखरेख नहीं होती है. श्यामा देवी ने बताया कि उसका बेटा नंदू पासवान पिछले दिनों डायरिया से पीड़ित था.

उसकी हालत बिगड़ी थी, तो उन लोगों के द्वारा निजी क्लीनिक में बाल रिमांड होम के पदाधिकारी की देखरेख में भर्ती कराया गया था. इसके बाद वह ठीक हो गया था. इसके बाद उसे बाल रिमांड होम भेज दिया गया था. किंतु फिर से लापरवाही बरती गई और उसकी हालत बाल रिमांड होम में जाने के बाद बिगड़ गई और फिर उसे भर्ती कराया गया था. किंतु जूविनाइल के पदाधिकारी और मेडिकल में इलाज में बरती गई लापरवाही के कारण नंदू की मौत हो गई. श्यामा देवी ने आरोप लगाया कि उसे गलत इंजेक्शन देकर मार डाला गया. मृतक के भाई चंदन कुमार ने बताया कि पिछले कई दिनों से बाल रिमांड होम में डायरिया फैला हुआ है. कोई भी परिजन वहां के इलाज से संतुष्ट नहीं है. यही वजह है कि निजी क्लीनिक में अपने बंदी को ले जाने की कोशिश करते हैं. अभी भी कई डायरिया के बाल बंदी मरीज हैं, जिनका इलाज मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है. किंतु इलाज में कोताही बरती जा रही है.

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