NEWSPR DESK- बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के मोतिहारी कहते हैं कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बिहार बोर्ड की मैट्रिक की परीक्षा में बेहतर परिणाम लाने वाले एक साधारण किसान का बेटा आयुष कुमार ने।
जिन्होंने मैट्रिक की परीक्षा में 95.20 प्रतिशत अंक लाकर पूरे बिहार में टॉप 10 व जिला में नंबर वन स्थान लाया है।वह आगे चलकर डॉक्टर बनना चाहते है।
उसकी इच्छा है कि वह भविष्य में और बेहतर करते हुए डॉक्टर बनकर अपने दादाजी के अधूरे सपना को पूरा करें। यहां बता दें कि आयुष कुमार रामगढ़वा प्रखंड क्षेत्र के धनहर दिहुली गांव निवासी मनोज कुमार जो पेशे से किसान है के पुत्र है व आयुष के दादाजी रिटायर्ड होम गार्ड जवान है
उसकी सफलता पर माता-पिता सहित परिवार के सभी लोगों में खुशी का माहौल है। वह आगे चलकर भी इस तरह के परिणाम को लगातार बरकरार रखते हुए अपने परिवार के सपने को पूरा करना चाहते है तथा जिले का नाम रौशन करना चाहते है।
उसने बातचीत के क्रम में बताया कि वह भविष्य में डॉक्टर बनकर देश की सेवा करना चाहते है।आयुष ने बताया कि यदि पूरे मन व लगन के साथ परिश्रम किया जाएं, तो सफलता अवश्य कदम चूमती है। कड़ी परिश्रम के बदौलत हर मुश्किल मुकाम को आसानी से पाया जा सकता है।