अंशु प्रिया
रांची। बीएसएफ में डीजी के पद पर पदस्थापित गुजरात कैडर के 1984 बैच के आइपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना का संबंध बिहार से भी रहा है। मूल रूप से रांची के रहने वाले अस्थाना वही अधिकारी हैं जिन्होंने बहुचर्चित चारा घोटाले की जांचकर लालू प्रसाद को जेल पहुंचाया था।। इसके अलावा उन्होंने गोधरा कांड की भी जांच की थी।
झारखंड में सीबीआइ की धनबाद स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो व डीआइजी रांची रह चुके राकेश अस्थाना की गिनती तेज-तर्रार आइपीएस अधिकारी के रूप में की जाती है। राकेश अस्थाना को ही चारा घोटाले के मामले में अनुसंधान का जिम्मा मिला था, जिसमें उन्होंने 1996 में आरोप पत्र दाखिल किया था और इसी मामले में वर्ष 1997 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पहली बार गिरफ्तार किए गए थे।
गोधरा कांड की जांच भी की
राकेश अस्थाना को ही गोधरा कांड की जांच का जिम्मा सौंपा गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आरके राघवन की अगुवाई में गठित एसआइटी ने भी सही पाया था।
अस्थाना को पुरुलिया में 1994 में विमान से हथियार गिराए जाने के सनसनीखेज मामले की जांच के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी मिली थी। धनबाद में सीबीआइ के एसीबी का एसपी रहते हुए वहां के डायरेक्टरेट जनरल ऑफ माइंस सेफ्टी (डीजीएमएस) के महानिदेशक को रिश्वत लेते इन्होंने गिरफ्तार किया था।
पहले ही प्रयास में बने आईपीएस
अस्थाना 1961 में रांची में जन्मे अस्थाना यहीं पले-बढ़े हैं, स्नातक तक की शिक्षा भी यहीं से ली है। उनके पिता शिक्षक थे। राकेश अस्थाना ने नेतरहाट स्कूल से स्कूलिंग और संत जेवियर्स कॉलेज से 1978 में स्नातक की पढ़ाई की। स्नातक के बाद वे जेएनयू दिल्ली गए, जहां से उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद वापस लौटे और संत जेवियर्स कॉलेज में ही इतिहास पढ़ाने लगे। कॉलेज में पढ़ाने के दौरान ही यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करते रहे और पहले ही प्रयास में वर्ष 1984 में गुजरात कैडर के आइपीएस अधिकारी बन गए।