14 वर्ष की उम्र में सकरा प्रखंड के श्री बलिहारी उच्च माध्यमिक विद्यालय सीहो के 9वें वर्ग में पढने वाला गोपालपुर बघनगरी निवासी विवेकानंद झा के पुत्र अमरनाथ झा के बारे में कोई सोचा भी नहीं होगा कि पैर में दर्द की शिकायत होने पर जांच में कैंसर नामक गंभीर बीमारी की पहचान होगी तथा उसके दाहिने पैर को काटकर हटा दिया जाएगा । यह एक संयोग ही था कि विवेकानंद झा के सर पर मुसीबत का बोझ आ गया था ।
वर्ष 2012 में आकस्मिक बीमारी के कारण उनकी पत्नी मीरा देवी की मृत्यु हो गई थी । पत्नी के खोने का दर्द पुत्र के साथ बांटते चले गए 4 वर्ष की उम्र में जब अमरनाथ के सर से मां का साया हट गया था । वह अपने पिता में ही मां और पिता दोनों को देखता है. विवेकानंद का एकमात्र पुत्र अमरनाथ है काफी कुछ ठीक चल रहा था लेकिन उस दिन उनके नसीब ने दगा दे दिया जिस दिन चिकित्सकों ने उनके पुत्र के पैर में कैंसर होने की बात कही थी चिकित्सक के मशवरे पर अमरनाथ का एक पैर काट दिया गया. बीमारी के इलाज तथा ऑपरेशन की प्रक्रिया में करीब डेढ़ वर्ष लग गए. इसी बीच वर्ष 22 -23 में अमरनाथ को मैट्रिक की परीक्षा देनी थी इसमें भी भाग्य ने उसे दगा दे दिया ।
स्कूल के टेस्ट परीक्षा में भाग नहीं लेने के कारण उसे सेंटप नहीं कराया गया । अब जब वह पूर्ण रूप से स्वास्थ्य हुआ तो उसने पढ़ाई पर जोर देना शुरू कर दिया। वह कहता है कि मैं एक दिन अपने पिता का सहारा बनूंगा एक पैर नहीं रहा तो क्या हुआ दूसरा पर है ना । वह कहता है कि वर्ष 2024 में मेट्रिक की परीक्षा दूंगा निश्चित रूप से अच्छा परिणाम की उम्मीद है उन्होंने यह भी कहा कि मैं पढ़ाई में कोई कसर बाकी नहीं रखता मुझे आईएएस बनकर पिता का सहारा बनना है.
बताते चलें कि अमरनाथ अन्य लोगों की तरह विद्यालय के साथ-साथ शाम में कोचिंग करते हैं.