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चिकित्सा पदाधिकारी की लापरवाही से गई महिला की जान, जमकर हो रहा बवाल, जानिए क्या है मामला

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NEWSPR डेस्क। गया प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अवधेश कुमार की लापरवाही से एक महिला की जान चली गई है। मामला बांकेबाजार प्रखंड के ग्राम पंचायत गोईठा टोला बनकट के रहने वाले महेंद्र दास की पत्नी दौलती देवी का है। जिसका ऑपरेशन 27 अप्रैल को बांकेबाजार स्थित निजी क्लीनिक संजीवनी में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अवधेश कुमार द्वारा किया गया था।

जब से महिला का ऑपरेशन हुआ। तब से लगातार बीमार चल रही थी और दिन प्रतिदिन उसकी स्थिति बिगड़ती जा रही थी। अंततः 30 अगस्त को महिला की मौत हो गई। डॉक्टर की करतूत से गुस्साए परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर के पास मुख्य सड़क पर मृत महिला का शव रखकर प्रदर्शन किया। खबर की जानकारी लगते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी अतुल प्रसाद अंचलाधिकारी संजय कुमार तथा बांकेबाजार थाना अध्यक्ष कुमार सौरभ घटनास्थल पर पहुंचकर परिजनों को समझाया और दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए प्राथमिकी दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

क्या है मामला

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बीडीओ ने बताया कि पीड़ित परिवार को पारिवारिक लाभ की राशि 20000 तत्काल मुहैया कराई गई है। तथा कबीर अंत्येष्टि के तहत गोठा पंचायत मुखिया द्वारा 3000 की तत्काल सहायता राशि दी गई है। ज्ञात हो कि प्रखंड के गोईठा पंचायत अंतर्गत बनकट गांव के रहने वाले महेंद्र दास की पत्नी दौलती देवी को चिकित्सा पदाधिकारी अबधेश कुमार द्वारा निजी क्लीनिक में ऑपरेशन किए जाने के मामले में एसडीओ अनिल कुमार रमन द्वारा दूसरी बार जांच की जाएगी।

इसके लिए जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम द्वारा पत्र जारी कर निर्देश दिए गए हैं। दिए गए निर्देश के माध्यम से पत्र में लिखा गया है कि निजी क्लिनिक के साथ सांठगांठ कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांकेबाजार के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अबधेश कुमार द्वारा ऑपरेशन किए जाने का गंभीर आरोप पीड़िता दौलती देवी के पति महेंद्र दास द्वारा अपने आवेदन में किया गया है। जानकारी देते चले कि बांकेबाजार प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत गोइठा के बनकट टोला के रहने वाले महेंद्र दास की पत्नी दौलती देवी का ऑपरेशन एक निजी क्लीनिक में किया गया था।

ऑपरेशन के बदले मरीज से 84000 रुपया लिया गया था।वह पैसा पीड़ित अपना जमीन जायदाद बेच कर दिया था। सोशल मीडिया तथा विभिन्न दैनिक अखबार में खबर छपने के बाद गया जिला अधिकारी त्यागराजन एसएम द्वारा एक टीम गठित कर मामले की जांच का आदेश दिया गया था। उस समय भी एसडीओ के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा पीड़ित के घर निजी अस्पताल की जांच की गई थी।तब से लेकर आज तक पीड़ित परिवार न्याय के लिए दफ्तरों का चक्कर काट रहा था।

गया से मनोज की रिपोर्ट

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