चीन से हुए विवाद के बाद तीनों सेनाएं हाई अलर्ट, आइटीबीपी ने अग्रिम चौकियों का कार्यभार संभाला

Sanjeev Shrivastava

पटना डेस्क

पटनाः लद्दाख के गलवान घाटी में चीन के ‘धोखे’ के बाद देश के हर हिस्से में भारतीय सैनिकों की शहादत का बदला लेने की मांग उठी है। दूसरी तरफ सरकार चीन को उसकी हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी में है। चीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल सेना व वायु सेना को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है। नौसेना को हिंद महासागर में अलर्ट किया गया है. यहां चीन की नौसेना की नियमित तौर पर गतिविधियां होती हैं. लद्दाख में एलएसी पर हथियारों का मूवमेंट भी शुरू हो चुका है.

लद्दाख में आइटीबीपी की अग्रिम निगरानी चौकियों का कार्यभार अपने पास ले लिया है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की है. बताया जा रहा है कि शुक्रवार को कश्मीर से सेना के जवानों की अतिरिक्त टुकड़ियां साजो -सामान के साथ पूर्वी लद्दाख के लिए रवाना हुईं। गलवान क्षेत्र में नागरिक संचार सेवा को भी बंद कर दिया गया है। वायुसेना के दो एएन-32 विमान भी श्रीनगर व लेह पहुंचे हैं। लेह-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग का सोनमर्ग से आगे का रास्ता आमलोगों के लिए बंद कर दिया गया है। पैंगांग झील में भी सेना ने गश्त बढ़ा दी है।

देश में है चीन को लेकर नाराजगी

दो दिन पहले लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ मुठभेड़ में 20 जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद सीमा पर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। वहीं देश के कई हिस्सों में चीन की करतूत को लेकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

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