NEWSPR DESK- बिहार में कोरोना वायरस की दूसरी लहर लगभग कमजोर पड़ गई है ऐसी स्थिति में राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है वहीं बाढ़ को ध्यान में रखते हुए यह तैयारी की जा रही है इसके लिए आयोग ने आपदा प्रबंधन विभाग को पत्र भी लिखा है जिसमें बाढ़ प्रभावित जिलों से लेकर प्रखंड और पंचायतों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई है.
अगर बिहार में सितंबर तक कोरोना की तीसरी लहर की कोई समस्या नहीं हुई तो आयोग की रणनीति के अनुसार दिसंबर तक चुनाव संपन्न करा लिया जाएगा आयोग की कोशिश है कि बारिश और बाढ़ प्रभावित पंचायतों का कैलेंडर उपलब्ध कराया जाए ऐसे होने पर सितंबर से दिसंबर के बीच पंचायत चुनाव संपन्न कराए जाने की तैयारी चल रही है पंचायतों में परामर्श समिति के गठन से संबंधित दस्तावेज की मियाद नवंबर में खत्म हो रही है.
वही आपको बता दें कि बिहार में बाढ़ का खतरा बढ़ता है तो जिला मुख्यालय से संपर्क खत्म हो जाता है वही बहुत बड़ी आबादी पलायन कर जाती है पीड़ित राहत शिविरों में रहने को मजबूर हो जाते हैं ऐसे में आयोग की योजना है कि विस्थापित लोगों के लौटने के बाद चुनाव प्रक्रिया पूरी की जाए आपको बता दें कि कोरोना की वजह से राज्य में पंचायत चुनाव स्थगित कर दिया गया है.
वही आपको बता दें कि ग्राम पंचायतों और कचहरी में 16 जून से परामर्शी समितियों के हवाले कर दी गई है परामर्श समिति के अध्यक्ष भी मुखिया, प्रमुख, सरपंच और जिला परिषद अध्यक्ष को रखा गया है इन सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों के अधिकार कर्तव्य और भत्ता आदि आगे भी जारी रहेगा इस से साफ जाहिर है कि पूर्व की तरह प्रतिनिधि अगला चुनाव होने तक कार्य करते रहेंगे.