कुमार विक्रांत
पटना। इलाज की फीस नहीं जमा करने पर मरीज को बंधक बनाकर रखना कंकड़बाग स्थित जेडीएम अस्पताल को भारी पड़ गया है। मरीज के परिजनों की शिकायत पर जांच के लिए पहुंची एसडीएम की टीम ने जेडीएम हॉस्पिटल, पूर्वी इंदिरानगर, कंकड़बाग के मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉक्टर ,लैब टेक्नीशियन सहित 5 व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 341 ,342, 406 ,420, 120 (बी), 34 तथा महामारी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराया है।
जेडीएम हॉस्पिटल कंकड़बाग में मनमानी फीस रखने एवं मरीजों से जबरन फीस की वसुली करने तथा मरीजों/परिजनों को प्रताड़ित करने संबंधी लिखित शिकायत के आधार पर जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अनुमंडल पदाधिकारी सदर श्री तनय सुल्तानिया को टीम गठित कर जांच करने का आदेश दिया तदनुसार अनुमंडल पदाधिकारी सदर ने तीन अधिकारियो- सहायक अनुमंडल पदाधिकारी सदर, जिला कार्यक्रम समन्वयक पटना एवं थानाध्यक्ष कंकड़बाग की टीम गठित कर त्वरित जांच करने का निर्देश दिया।
जांच टीम ने अस्पताल प्रशासन के कर्मियों तथा मरीजों एवं उसके परिजनों से पूछताछ की। जांच के क्रम में पाया गया कि अस्पताल प्रशासन द्वारा कच्चा बिल देकर मरीज एवं उसके परिजन को 6,34,200 भुगतान करने को कहा। मरीज के परिजन द्वारा पक्का बिल एवं खर्च का आइटमवार विवरणी की मांग करने पर अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीज को जोर जबरदस्ती कर हॉस्पिटल में बंद कर दिया गया तथा मरीज एवं उनके परिजनों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया तदनुसार सौंपी गई रिपोर्ट के आलोक में जिलाधिकारी ने कोविड-19 महामारी की गंभीरता को देखते हुए संबंधित अस्पताल के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं तथा महामारी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया फलस्वरूप जिला कार्यक्रम समन्वयक जिला क्रियान्वयन इकाई पटना ने कंकड़बाग के पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष को इस आशय से संबंधित प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया। जिसके बाद जेडीएम हॉस्पिटल, पूर्वी इंदिरानगर, कंकड़बाग के मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉक्टर ,लैब टेक्नीशियन सहित 5 व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 341 ,342, 406 ,420, 120 (बी), 34 तथा महामारी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जिलाधिकारी ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को उचित फीस रखने, पक्का बिल देने तथा अस्पताल में आइटमवार फीस की सूची प्रर्दशित करने की सख्त हिदायत दी है। इसके लिए पीपीई किट, आईसीयू, वेंटिलेटर, डायग्नोस्टिक टेस्ट ,रूम फी, बेड फी आदि का उचित मूल्य रखने तथा मरीजों को पक्का पुर्जा देने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने दंडाधिकारियों को निजी अस्पतालों की सतत एवं प्रभावी निरीक्षण एवं निगरानी करने तथा दोषी के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।