जंगलराज से बिहार को काफी नुकसान हुआ : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 

Patna Desk

 

NEWSPR DESK- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यहां कहा कि बिहार में जंगलराज के कारण बिहार की न केवल विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई थी बल्कि आर्थिक रूप से भी बिहार पिछड़ गया था। उन्होंने कहा कि बड़ी मेहनत से बिहार को वहां से बाहर निकाला गया है।

 

भाजपा मीडिया सेंटर में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि युवा वोटरों को यह जानना काफी जरूरी है। उन्होंने कहा कि जंगलराज वाले उस दौर में कहा करते थे कि सम्मान चाहिए विकास नहीं। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि जब जंगलराज का दौर आया तो प्रति व्यक्ति आय उड़ीसा से ज्यादा थी। उड़ीसा की 1991 में जीडीपी 20591 रुपया थी जबकि बिहार में 21282 रुपये थी। जंगल राज शुरू होने के बाद बिहार में 33 फीसदी की गिरावट आई जबकि उड़ीसा में 31 प्रतिशत बढोतरी हुई। उन्होंने बताया कि 2002 में बिहार में काम होकर 14209 तक पहुंच गया । उन्होंने बताया कि 2002 के बाद 2019 में प्रति व्यक्ति आय 37 हजार से ज्यादा लाया गया।

 

उन्होंने कहा कि अगर यह जंगलराज नहीं आता तो आज बिहार बहुत आगे होता। उन्होंने कहा कि जंगलराज का प्रभाव आम आदमी के जीवन मे भी पड़ता है।

 

वित्त मंत्री ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि इंडी गठबंधन वाले मुसलमानों को पूरा आरक्षण देने की बात करते हैं जो संविधान के खिलाफ है। कर्नाटक में मुस्लिम वर्ग को एससी, एसटी, ओबीसी का काट कर आरक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री जी का मूलमंत्र सबका विकास है। आज सम्मान भी है और विकास भी है। उन्होंने कहा कि आज हम 2047 के विकसित भारत को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, इसमें पूर्वोत्तर के राज्य इंजन बनेंगे।

 

उन्होने जोर देकर कहा कि एनडीए की सरकार में सम्मान और विकास दोनों की बात की जाती है। रामनाथ कोविंद जी, द्रौपदी मुर्मू को सम्मान इसका उदाहरण हो सकता है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आज कांग्रेस संविधान बचाने की बात करती है, लेकिन यह पार्टी अपनी पार्टी के संविधान को नहीं मानती। सीताराम केसरी जी को बंधक बनाकर सोनिया गांधी को अध्यक्ष बना दिया गया।

 

वित्त मंत्री ने बिहार में उद्योग नहीं आने का सबसे बड़ा कारण फ्रेट इक्वलाइजेशन पालिसी को माना। उन्होंने कहा कि 1952 से यहां के खनिज बाहर भेज दिए जाते रहे। खनिज यहां से भेजे गए लेकिन कारखाना यहां नहीं लगा।

 

वित्तमंत्री ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि पिछली सरकार से एनडीए की सरकार में बिहार को ज्यादा राशि मिल रही है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि विशेष दर्जा के लिए केंद्रीय वित्त आयोग की रिपोर्ट में रिकमेंडेशन आना चाहिए तभी इसके बारे में आगे विमर्श किया जा सकता है। बिहार को आर्थिक सहायता और विशेष सहायता पर निर्माला सीतारमण ने कहा कि 2015 में एक पैकेज बिहार के लिए घोषणा की गई थी और 1.25 लाख करोड़ का पैकेज दिया गया था। यह पैकेज सभी क्षेत्रों के लिए दिया गया था।

 

इस प्रेस वार्ता में असम के मंगलादोई के सांसद दिलीप सैख्या, राष्ट्रीय महामंत्री ऋतुराज सिन्हा, महामंत्री जगन्नाथ ठाकुर, मीडिया संयोजक दानिश इकबाल, प्रवक्ता सुरेश रूंगटा,प्रदेश सह मंत्री अमित प्रकाश उपस्थित रहे।

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