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जगदीप धनखड़ बने देश के नए उपराष्ट्रपति, मुख्यमंत्री नीतीश ने दी बधाई, जानिए धनखड़ का राजनीतिक सफर

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NEWSPR डेस्क। देश को नए उपराष्ट्रपति मिल चुके हैं। बता दें कि राजस्थान के जगदीप धनखड़ को नया उपराष्ट्रपति बनाय गया है। एनडीए ने राजस्थान के जगदीप धनखड़ को अपना प्रत्याशी बनाया, जो अब भारत के उप राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। नए उपराष्ट्रपति को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बधाई और शुभकामनाएं दी है।

बता दें कि इनके खिलाफ यूपीए ने मार्ग्रेट अल्वा को उतारा था। जिनको मात देकर इन्होंने पद जीता है। राजस्थान से ताल्लुकात रखने वाले धनखड़ पेशे से वकील रहे हैं। उन्होंने जयपुर से ही अपने वकालत करियर की शुरुआत की। साल 1951 में झुंझूनूं जिले के गांव किठाना में पैदा हुए जगदीप धनखड़ मूलतः राजस्थानी हैं और राजनीति से पहले वकालत में अपनी धाक जमा चुके हैं। जगदीप धनखड़ ने 1979 में वकालत के करियर की शुरुआत की। उनके जूनियर रहे और वर्तमान में राजस्थान हाईकोर्ट में एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी धनखड़ को अपना गुरु मानते हैं। रस्तोगी बताते हैं कि ‘जगदीप धनखड़ में वकालत का जूनून था। वे फौजदारी और इंटरनेशनल आर्बिटेशन मामलों के मास्टर थे।’

1979 में वकालत की शुरुआत

हाईकोर्ट बार के पूर्व महासचिव प्रहलाद शर्मा बताते हैं कि ‘जगदीप धनखड़ ने 1979 में वकालत की शुरुआत की, लेकिन 35 साल की उम्र में सबसे युवा हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष बने। वहीं सबसे युवा सीनियर एडवोकेट नामित होने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम दर्ज है। 1990 में वे वरिष्ठ अधिवक्ता हो गए थे। और बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के सदस्य भी निर्वाचित हुए।’

वकालत के पेशे में धनखड़ के जूनियर रहे कई अधिवक्ता आज बड़े पदों पर हैं। इनमें जस्टिस आरएस चौहान मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हुए। वहीं जस्टिस एसपी शर्मा पटना हाईकोर्ट में जज हैं, वे भी धनखड़ के जूनियर रहे। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता आरडी रस्तोगी हाईकोर्ट में एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल हैं, तो वरिष्ठ अधिवक्ता एनए नकवी भी धनखड़ के जूनियर रहे।

रिश्ते में जगदीप धनखड़ के साले प्रवीण बलवदा आज भी उसी चैम्बर से अपनी वकालत करते हैं। जहां राजनीति में जाने से पहले जगदीप धनखड़ वकालत किया करते थे। इनके चैम्बर में आज भी लॉ की वे किताबें मौजूद हैं। जिन्हें पढ़कर जगदीप धनखड़ ने वकालत में अपना लोहा मनवाया। बलवदा बताते हैं कि जगदीप धनखड़ की वकालत किस तरह की थी। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उस जमाने में उनके साथ 30 से 35 वकील काम करते थे। किसी क्लाइंट के आ जाने पर उसे बैठाने के लिए उनके जूनियर को सीट छोड़नी पड़ती थी।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल

वहीं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल की शपथ लेने से पहले तक उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में पैरवी की। वकालत के आखिरी दिनों में वे कॉरपोरेट लॉ के केसेज लड़ रहे थे। जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को किठाना गांव, झुंझुनू जिला, राजस्थान में हुआ था। जगदीप एक जाट परिवार से ताल्लुक रखते है। उनके पिता का नाम चौ। गोकल चंद एवं माँ का नाम श्रीमती केसरी देवी है और दोनों का निधन हो चुका है। जगदीप के बड़े भाई का नाम कुलदीप धनखड़ है जिनकी शादी सुचेता से हुई है। जगदीप के परिवार में 4 भाई बहन है।उनके छोटे भाई का नाम रणदीप धनखड़ है जिनकी शादी श्रीमती सरोज से शादी की।उनकी एक बहन भी है जिसका नाम इंद्रा है और उनकी बहन की शादी धर्म पाल डूडी से हुई है।

धनखड़ की शिक्षा

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जगदीप धनखड़ की प्रारंभिक शिक्षा कक्षा 1 से 5 तक सरकारी प्राथमिक विद्यालय, किठाना गांव में हुई और उसके बाद  कक्षा 6 में उन्होंने 4-5 किलोमीटर की दूरी पर सरकारी मिडिल स्कूल, घरधाना में प्रवेश लिया और स्कूल दूर होने के कारन वह गाँव के अन्य छात्रों के साथ स्कूल तक पैदल यात्रा करते थे। साल 1962 में उन्होंने सैनिक स्कूल से भी अपनी शिक्षा प्राप्त की है। उनके बड़े भाई कुलदीप धनखड़ ने भी अपनी पढाई पूरी करने के लिए उसी स्कूल में दाखिला लिया था । उसके बाद अपनी आगे की पढाई पूरी करने के लिए उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध प्रतिष्ठित महाराजा कॉलेज, जयपुर में 3 साल के बीएससी (ऑनर्स) भौतिकी की पढाई करने के लिए में प्रवेश लिया और वहां से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

उसके बाद उन्होंने  राजस्थान विश्वविद्यालय में एलएलबी की पढाई करने के लिए दाखिला लिया और वर्ष 1978-1979 में एलएलबी की डिग्री हासिल की। जगदीप धनखड़ की पत्नी का नाम सुदेश धनखड़ है, जो वर्ष 1979 में ग्रामीण परिवेश के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय बनस्थली विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं। वह होशियार सिंह और श्रीमती की बेटी हैं। सुदेश धनखड़ की सामाजिक कार्य और जैविक खेती, बाल शिक्षा और उत्थान में गहरी रुचि है। वे एक परिवार के रूप में यात्रा करना पसंद करते हैं और एक साथ मालदीव और कई अन्य स्थानों पर गए हैं।

धनखड़ का कोई बेटा नहीं है, उनकी एक ही बेटी है और उसका नाम कामना है। कामना ने एमजीडी स्कूल, जयपुर से पढ़ाई की है, और उसके बाद मेयो गर्ल्स, अजमेर में, संयुक्त राज्य अमेरिका में बीवर कॉलेज (अब अर्काडिया विश्वविद्यालय) से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उसके पास यूके, इटली और ऑस्ट्रेलिया में समर कोर्स थे। वह अंग्रेजी, हिंदी और इतालवी में धाराप्रवाह है, इतालवी दूतावास, नई दिल्ली और फिर इटली में एक संस्थान रोम में इटालियन भाषा भी सीखी है।

धनखड़ की बेटी कामना किशादी स्वर्गीय श्री विजय शंकर वाजपेयी एवं आभा वाजपेयी के बेटे कार्तिकेय वाजपेयी से हुई है। कार्तिकेय ने आईटीसी से कैंपस प्लेसमेंट किया था। लगभग 5 वर्षों तक आईटीसी की सेवा करने के बाद, कार्तिकेय ने कानूनी पेशे में कदम रखा है और वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय में एक वकील हैं। कामना और कार्तिकेय को 14 अगस्त, 2015 को कविश नामक पुत्र का आशीर्वाद प्राप्त है। वह गुड़गांव के श्रीराम स्कूल में दाखिल है।

राजनीतिक यात्रा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने से पहले, वह 1989 से 1991 तक राजस्थान के झुंझुनू से सांसद थे। वह जनता दल के सदस्य भी थे। धनखड़ 1993 से 1998 के बीच राजस्थान के किशनगढ़ से विधान सभा के सदस्य भी रहे। साल 1989 में झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए। साल 1990 में एक संसदीय समिति के अध्यक्ष चुने गए। उसके बाद साल 1990 में केंद्रीय मंत्री। और 1993-1998 में अजमेर जिले के किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से राजस्थान विधान सभा के लिए चुने गए। राजस्थान राज्य में जाट समुदाय सहित अन्य पिछड़े वर्गों को ओबीसी का दर्जा देने में शामिल था।

भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 155 के तहत 20 जुलाई, 2019 को जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त करते हुए वारंट जारी किया। कोलकात्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थोट्टाथिल बी। नायर राधाकृष्णन ने 30 जुलाई, 2019 को राजभवन, कोलकाता में जगदीप धनखड़ को पद की शपथ दिलाई। लोकसभा और राजस्थान विधानसभा दोनों में, वह महत्वपूर्ण समितियों का हिस्सा थे। वह केंद्रीय मंत्री रहते हुए यूरोपीय संसद में एक संसदीय समूह के उप नेता के रूप में एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।

धनखड़ का परिवार

धनखड़ का कोई बेटा नहीं है, उनकी एक ही बेटी है और उसका नाम कामना है। कामना ने एमजीडी स्कूल, जयपुर से पढ़ाई की है। जगदीप धनखड़ की पत्नी का नाम सुदेश धनखड़ है, जो वर्ष 1979 में ग्रामीण परिवेश के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय बनस्थली विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं। वह श्री होशियार सिंह और की बेटी हैं। जगदीप के परिवार में 4 भाई बहन है जिनमे 2 भाई कुलदीप धनखड़ (बड़ा ) रणदीप धनखड़(छोटा ) और एक बहन इंद्रा शामिल है।

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