NEWSPR डेस्क। जदयू नेता दीपक मेहता हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पटना एसएसपी मानव जीत सिंह ढिल्लों ने इस मामले का उद्भेदन करते हुए बताया कि नेता की हत्या जमीनी विवाद के चलते की गई है। जिसमें चार आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। बता दें कि दीपक मेहता राजनीति के साथ साथ जमीनी दस्तावेजों का भी कार्य करते थे। पटना के कई क्षेत्रों में इनका कारोबार था।जिसमें दो प्लॉट्स को लेकर विवाद चल रहा था।
इसी क्रम में दो विवादित प्लॉट्स पर जिसमें से एक बिस्कुट फैक्ट्री मोड़, न्यू मिथिला रोड दानापुर पर स्थित है। यह प्लॉट 52 कट्ठा का है। इसके अलावा दूसरा 29 कट्ठा का प्लॉट है। जो कि नहर रामजी चक दीघा पर है। इसे लेकर कुछ अपराधियों के साथ उनका बीते 2 साल से विवाद चल रहा था। इसी विवाद के चलते उनकी हत्या कर दी गई है। पुलिस द्वारा जेल से छूटे पुराने अपराधियों एवं सीमावर्ती जिला के अपराधियों के गतिविधियों के संबंध में भी जानकारी एकत्रित की जाने लगी। दोनों विवादित जमीन को लेकर पूर्व में रहे पार्टनर से मतभेद चल रहा था।
इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड रवि गोप, दूसरा उमेश कुमार उर्फ उमेश राय है। इन लोगों ने ही पेशेवर अपराधियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया है। रवि गोप ने कुछ अपराधियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया। इस घटना में दीपक मेहता को मारने के लिए चोरी की बाइक का उपयोग हुआ था। आरोपियों ने खुद इस बात को कबूला है।
इस मामले में चार लोगों रवि गोप, राजू कुमार सहिनी, मनोज कुमार, मो. आज़ाद हुसैन उर्फ पिंटू को हथियार के साथ गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि इस मामले को लेकर रवि गोप काफी समय से जेल में था। वहीं मनोज कुमार, राज कुमार सहिनी और मो. आज़ाद हुसैन तीनों का पहले से आपराधिक इतिहास भी है। बताया गया कि रवि गोप ने जेल से छूटने के बाद उसने चार लोगों के साछ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है। इस घटना में उपयुक्त देसी पिस्टल दो जिंदा कारतूस 4 घटना में प्रयुक्त बाइक एफजेड को बरामद किया गया है।