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जनता दरबार में आए फरियादियों ने स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधित रखी शिकायत, मुख्यमंत्री ने दोनों विभाग के अधिकारियों को की फोन पर लगाई क्लास

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NEWSPR डेस्क। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज जनता दरबार में आए फरियादियों से मिले। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 55 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

‘जनता के दरबार में मधेपुरा से आये एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव है। जिसके कारण लोगों को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को समुचित कार्रवाई करने निर्देश दिया।

वहीं सीवान जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि हाई स्कूल हिल्सर के खेल मैदान को अवैध तरीके से कब्जा किया जा रहा है। युवक ने खेल मैदान को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

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कैमूर जिला से आये एक बुजुर्ग व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुये कहा कि उनके पुत्र द्वारा शिक्षा ऋण लिया गया था लेकिन पुत्र की मृत्यु हो गयी है, बैंक वाले परेशान कर रहे हैं। कृप्या शिक्षा ऋण माफ किया जाय। मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव वित्त को इस पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

पश्चिम चंपारण जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि उसकी मां एक शिक्षिका थीं, जिनकी मौत 2021 में हो गई थी लेकिन न ही अनुग्रह राशि मिल पायी है और न ही अनुकंपा पर नौकरी ही मिली है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कैमूर जिला से आये एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि वह वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के बी०ए० पार्ट-1 का छात्र है। पार्ट-1 में दाखिला उसने साल 2020 में लिया था, लेकिन अब तक रिजल्ट जारी नहीं किया गया है। इससे हम बच्चों का समय बर्बाद हो रहा है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को उचित कार्रवाई का निर्देश दिया।

बता दें कि आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, संसदीय कार्य विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुई।

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