जब होशला हो ऊंची उड़ान भरने का तो कुछ भी असंभव नहीं होता है।

Patna Desk

 

 

भागलपूर जब मन बना लिया हो ऊंची उड़ान का तो फिर कद क्या देखना आसमान का इस कथन सही साबित कर दिखाया है बांका पंजवारा की रहने वाली अर्चना कुमारी ने. मूल रूप से बांका पंजवारा के नगरी गांव की रहने वाली अर्चना कुमारी नारी शक्तिकरण की मिसाल पेश कर रही है. नौवीं कक्षा में छत से गिरने के कारण अपना आधा शरीर गँवा बैठी इसके बाद से आज तक व्हीलचेयर पर है. घटना के बाद शॉट पुट, डिस्कस थ्रो और जैवलिन थ्रो की प्रैक्टिस पर विराम लग गया था लेकिन अर्चना ने हिम्मत नही हारी रोजाना प्रैक्टिस जारी रखी और नेशनल पैरा एथलीट चैंपियन में सिलेक्शन हो गया. अर्चना एक के बाद एक मेडल जीतकर आगे बढ़ती गई और नेशनल से लेकर इंटरनेशनल गेम में मेडल जीतती चली गई. शॉट पुट, डिस्कस थ्रो और जैवलिन थ्रो जैसे गेम में हिस्सा लेकर अर्चना ने 7 गोल्ड मेडल 7 सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है. चीन की राजधानी बीजिंग और इंडोनेशिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय एथलीट प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया और मेडल जीतकर आयी. वर्तमान में अर्चना भागलपुर के दिव्यांगजन सशक्तिकरण कार्यालय में नौकरी कर रही है. अर्चना के इस हौसले से परिवार और समाज के लोग काफ़ी खुश है.

Share This Article