जन सुराज यात्रा के तहत् मोतिहारी पहूंचे चुनावी रणनीतिकार प्रशान्त किशोर ने आज से शुरु जातीय जनगणना पर कहा कि जातीय जनगणना समाज को जोड़ने के लिये नही तोड़ने के लिये है। जातीय जनगणना के वैधानिक आधार नही है। जातीय जनगणना करने वाले इसा वैधानिक आधार बताये। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ये बताएं कि इसका वैधानिक आधार क्या है और जनता का क्या इससे विकास होगा। अगर विकास करना है तो ये आंकड़ा समझ ले की बिहार में 13 करोड़ लोग आज भी देश में सबसे पिछड़े हैं उनका उत्थान होना चाहिए। लेकिन किसी लाइब्रेरी में बैठ जाने से ज्ञान नहीं हो जाता है उसको समझने के लिये समझ होनी चाहिए । समाज जनता को मूर्ख बनाने का काम है। जातीय जनगणना समाज के सबसे निचले पादन के लोगो को और नीचे ले जाने के लिये है। बिहार में समाजवाद के नाम पर समाज को बांटने के लिये हो रहा है।
उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि जातीय आधार पर राजनीति करने वाले लोग अपने ही जाति के दुश्मन बन है। वे सिर्फ अपने परिवार के लिये लगे है। उन्होंने कहा कि बिहार के बहार हो नीतीशे कुमार के राज हो यह नारा मैने ही दिया था। लेकिन वे इस नारे से बदल गये,जिसकारण मैने साथ छोड दिया। उन्होंने कहा कि जन सुराज यात्रा के दौरान एक एक पंचायत की समस्याओं की सूची बनायी जा रही है,जिसे यात्रा के समापन पर हरेक पंचायत के विकास के लिये योजना बनाया जाएगा। जहां रोजगार के साधन उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता को जागृत करने के लिये निकला हूँ। योजनाओं को सही तरीके से लागू नही करने का विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि समाजवाद के नाम पर लोगो की आकांक्षाओ को दबा दिया गया है।