गया, 11 जनवरी 2023, वंदना की उम्र तीन साल है. अपने जन्म से दो साल तक जब वह सामान्य बच्चों की तरह नहीं दिखी तो परिजनों को संदेह हुआ. अन्य बच्चों की तरह वंदना प्रतिक्रिया देने में असर्मथ थी. जब वह दो साल की हुई तब उसके परिजनों ने उसे एक निजी चिकित्सक के यहां उपचार कराना प्रारंभ किया. चिकित्सक ने बताया कि उनका बच्ची सुन नहीं सकती. यह सुनकर मां—पिता को गहरा आघात लगा. उसके उपचार को लेकर वह परेशान हुए. लेकिन एक दिन उनमें आशा की किरण जगी जब उन्हें यह पता चला कि नजदीक के आंगनबाड़ी केंद्र पर कुछ चिकित्सक बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करने आये हुए हैं.
वंदना के पिता और बोधगया प्रखंड निवासी विनय कुमार बताते हैं कि आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्ची को जांच के लिए लेकर पहुंचने पर जिला पदाधिकारी गया डॉ त्यागराजन एसएम के विशेष पहल से जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में चलाए जा रहे श्रवण श्रुति कार्यक्रम की जानकारी मिली. डॉक्टरों ने बच्चे के कान की जांच की. इसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग में बुला कर श्रवण श्रुति के तहत होने वाले जांच प्रक्रिया की जानकारी दी. स्वास्थ्य अधिकारियों की मदद से बच्ची का कानपुर में कॉकलियर इंप्लांट कराया गया है. विनय बताते हैं कि श्रवण श्रुति प्रोजेक्ट की मदद से बच्ची का इलाज हो सका. और इसमें सभी प्रकार के आवश्यक खर्च स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गये.
बोधगया प्रखंड की ही आराधना अब साढ़े तीन वर्ष की हो रही है. आराधना का भी कॉकलियर इंप्लांट कराया गया है. आराधना के पिता अजय बताते हैं कि जन्म के समय वह रोयी नहीं थी. इसके बाद सामान्य बच्चे की तरह वह किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दे रही थी. इस बीच गया के जिला पदाधिकारी गया डॉक्टर त्यागराजन एसएम द्वारा चलाये जा रहे श्रवण श्रुति परियोजना की जानकारी मिली. तब अस्पताल से जानकारी जुटाते हुए जांच प्रक्रिया प्रारंभ हुआ. कानपुर में कॉकलियर इंप्लांट किया गया. और इसका सारा खर्च स्वास्थ्य विभाग द्वारा वहन किया गया. इसके लिए जिलाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग का धन्यवाद देते हैं.
स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नीलेश कुमार ने बताया कि जिला में श्रवण श्रुति परियोजाना की काफी मदद लोगों को मिल रही है. बोधगया प्रखंड में तीन बच्चों का कॉकलियर इंप्लांट किया गया है. ऐसे अन्य बच्चों को जिनकी श्रवण शक्ति में समस्या हो, चिन्हित कर उनका आवश्यक इलाज किया जायेगा.