जिला परिषद सदस्यों पर दर्ज किये गए मुकदमा एवं गत में बैठक में चयनित योजनाओं के अग्रेतर कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने लगाया रोक।

Patna Desk

दरभंगा से रवि झा

 

दरभंगा – जिला परिषद के सभागार मे 11 सितंबर को हुई बैठक में बिना बहस हुए कार्य एजेंडा पर हस्ताक्षर करवाने को लेकर हुए विवाद में जिला परिषद अध्यक्ष व उनके अन्य सहयोगीयो के द्वारा जिला परिषद के 18 सदस्यों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमे प्रशासन ने करवाई करते हुए दो सदस्यों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। उसी मामले में शेष सदस्यों ने पटना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसपे हाई कोर्ट ने तत्काल कार्रवाई पर रोक लगा दी। उक्त बातों की जानकारी जिला परिषद सदस्यों ने प्रेसवार्ता कर दी।

वही जिला परिषद सदस्य धीरज कुमार झा ने कहा कि 11 सितंबर को आयोजित बैठक में नियमसँगत बैठक संचालन की मांग कर रहे थे। लेकिन जब लगातार जब हमारी बातों को नजरअंदाज किया गया तो साथी जिला परिषद सदस्य द्वारा जमीन पर लेटकर लोकतांत्रिक विरोध दर्ज किया गया। लेकिन क्षेत्र के आवाज उठाने पर जिला परिषद के 18 सदस्यों पर जिस प्रकार FIR दर्ज किया गया और हमारे 2 साथी सागर नवदिया एवं अमित कुमार ठाकुर को मुकदमा में फंसाकर गैरकानूनी तरीके से जिस प्रकार से जेल भेज दिया गया है। वो लोकतांत्रिक व्यवस्था, जिला परिषद, दरभंगा एवं पंचायती राज व्यवस्था पर काला धब्बा बनकर लगा है।

वही उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम 2006 में स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि वार्षिक विकास कार्ययोजना तैयार करने से पहले “जिला पंचायत विकास समिति” का गठन कर उसमें जिला परिषद का वार्षिक बजट तैयार किया जाए और उस बजट को सदन से पारित करवाने के पश्चात क्षेत्रवार योजना का चयन किया जाए। परन्तु बार-बार आग्रह करने के बावजूद मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के दवाब में नियम को ताक पर रख योजनाओं को सदन के पटल पर स्वीकृति हेतु प्रस्तुत कर दिया गया। हमलोगों ने इसका विरोध किया तो हमलोगों पर 17 धाराओं में मुकदमा करवाया गया।

वहीं धीरज कुमार झा कहा कि मुकदमा के फलस्वरूप हमलोगों ने माननीय उच्च न्यायालय पटना में सीडब्लूजेसी पेटिशन फाइल किया। हाईकोर्ट मे हमलोगो ने जिला परिषद दरभंगा में हमलोगों के साथ किये गए अत्याचार के विरुद्ध 5 याचिका दायर किया है। उक्त 5 में से 2 मामलों पर हाईकोर्ट का तत्कालीन आदेश आ चुका है और उक्त दोनों आदेश में क्रमशः गलत तरीके से चयनित योजनाओं पर अग्रेतर कारवाई रोकने एवं जिन सदस्यों के ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया है। उनके गिरफ्तारी एवं अन्य किसी गतिविधी पर तत्काल रोक लगाने का आदेश जारी गया है।

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