भागलपुर,आधुनिक भागदौड़ भरी जिंदगी में धन-संपत्ति के लोभ में रिश्ते में दरार आ रही है ।जिस माता पिता ने अपनी खुशियां का त्याग कर जीवन भर लाड़- प्यार कर बच्चों की परवरिश कर उन्हें मंजिल तक पहुंचाया बड़ा आदमी बनाया वही संतान अपने माता पिता को सम्मान नहीं दे रहे हैं ।जीवन की धूप- छांव में मां बाप तमाम कष्ट झेल कर बच्चों को हर खुशियां दी लेकिन वही बच्चे अब माता-पिता को फूटी आंख से नहीं सुहा रहे हैं ।इनमें निम्न से लेकर बुद्धिजीवी वर्ग के परिवार शामिल हैं ।हमेशा किसी ना किसी बात को लेकर बेटा बहू ताना देते रहते हैं कभी दवा को लेकर तो कभी अच्छा खाना नहीं मिलने की बात पर लड़ाई झगड़ा होना आम बात हो गई है। घर में नाती पोते को भी अनुभवों का खजाना समेटे बुजुर्गों से दूर रखा जा रहा है ।जीवन भर बच्चों को प्यार देने वाले मां- बाप प्यार के दो बोल सुनने को तरस जाते हैं।
जमीन -जायदाद मकान देने के बाद भी बच्चे बुजुर्गों का अपमान करने से नहीं चूक रहे है,लिहाजा उन्हें अपमानित कर घर से बेघर कर दिया जाता है। अपने ही घर में बेगाने नजर आते हैं जीवन के अंतिम पड़ाव पर इन्हें मजबूरन वृद्धाश्रम का सहारा लेना पड़ता है। उनके बच्चे किसी की खोज तक नहीं करने आते ।बिहार सरकार के सहारा वृद्धाश्रम में बुजुर्गों को तमाम तरह की सुविधाएं दी जा रही है। पटना के उमंग बाल विकास सोसायटी के कर्मियों के द्वारा भागलपुर में वृद्ध आश्रम का संचालन हो रहा है ।भागलपुर जिले के समसपुर स्थित वृद्धाश्रम में कुल 30 बुजुर्ग जीवन यापन कर रहे हैं ।यहां बंगाल सहित आसपास के जिलों के बुजुर्ग रह रहे हैं।