जीवन रक्षा नीतीश की पहली प्रथामिकता:रणवीर नंदन

Rajan Singh

जद(यू)के पूर्व विधान पार्षद डॉ.रणबीर नंदन ने कहा कि कोविड के इस आपदा काल में जो मंजर सामने आया उससे निपटने में देश के विकसित राज्य को जहा पसीने छू ट रहे हैं उस दौर में नीतीश सरकार ने लोगों के जीवन की रक्षा को पहला व आखिरी उद्देश्य मानकर संसाधन जुटाने की हर संभव कोशिश कर एक मिसाल कायम किया है। महामारी के इस दौर में हर किसी को उचित उपचार की सुविधा के लिए राज्य के 9 मेडिकल कॉलेज को कोविड के लिए 50 प्रतिशत बेड को आइसोलेशन बेड में तब्दील किया। पीएमसीएच , एन एम सी एच ,ऐम्स , आई जी आई एम एस जैसे बड़े अस्पताल को कोरोना इलाज का मुख्य केंद्र बनाया। जरूरत को देखते पी एम सी एच के 1200 बेड को कोरोना के लिए सुरक्षित रखा। इसके अलावा पी एच सी स्तर भी इलाज की तैयारियां शुरू की। राज्य भर में इसके लिए 40 हजार कोविड बेड तैयार किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। 500 से अधिक वेंटिलेटर की व्यवस्था की जा रही है।

ऑक्सीजन की उपलब्धता पर फिलहाल 300 मीट्रिक टन से अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है। ऑक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए एन एम सी एच विम्स, जे के टी एम सी एच, ए एन एम सी एच में 2500 एल पी एम क्षमता वाले ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट त था पी एम सी एच में 5 हजार क्षमता वाले ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाने की तैयारी 21 करोड़ 46 लाख की लागत से शुरू हो गई है। ऑयल इंडिया की तरफ से निर्णय लिया गया। इसके अलावा भी मुजफ्फरपुर ,भागलपुर, बेतिया,मधेपुरा मेडिकल कॉलेज में भी २हजार लीटर प्रति मिनट क्षमतावाले ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाया जाएगा।अस्पताल में ही सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता कराए जा रहे हैं।

कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों पर होने वाले असर को ध्यान में रखते हुए अब बच्चों के अस्पतालों को दुरुस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में मानव बल बढ़ाने के सरकार की ओर से प्रयास तेज कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय से पीजी व डिप्लोमाधारी छात्रों से करार के तहत 3 वर्षीय अनिवार्य सेवा के लिए कुल 1995 फ्लोटिंग पदों के सृजन की स्वीकृति देकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
बिहार करीब 13 करोड़ आबादी के बाद भी 6.85 लाख तक संक्रमण को रोकने में कामयाब रहा है। इस रोग के कारण प्रदेश में 4442 लोगों की जान गई। यह दिखाता है कि जब महाशक्तियां कोरोना को नियंत्रित करने में सफल नहीं हो रही थी तो बिहार ने अपने प्रबल नेतृत्व से इसको काबू में किया। अब हम कोरोना की दूसरी लहर को पूरी तरह से नियंत्रित करने की तरफ बढ़ रहे हैं।

कोरोना को नियंत्रित करने के साथ-साथ प्रदेश सरकार का पूरा ध्यान अब वैक्सीनेशन की तरफ है। सरकार वैक्सीनेशन को गति देने के लिए लगातार काम कर रही है। 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग को वैक्सीनेट करने के अभियान में हम देश में दूसरे स्थान पर हैं। वहीं, 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को भी लगातार वैक्सीन दिया जा रहा है। 22 मई तक 96.63 लाख वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। प्रदेश के 77.32 लाख लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है।

वहीं, 19.30 लाख लोगों को अब तक दोनों डोज दे दिया गया है। प्रदेश में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को दी जा रही वैक्सीन की खुराक के तहत अब तक 11,06,964 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दे दी गई है। आने वाले दिनों में वैक्सीनेशन की गति को तेज करने के लिए सरकार की ओर से सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने 70 फीसदी टीकाकरण केंद्रों को गांव में लगाने का निर्देश दिया है।

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