अपराधीयों के हाथ अब अपने हुनर के कारण एक नई पहचान पाने लगा है।कल तक जिन हाथो में हथियार थे अब वो अपनी कारीगिरी दिखा रहे हैं। जेल में बन रहे समान को अब उधोग का दर्जा दे दिया गया है।इसके लिए बाकायदा *मुक्ति* ब्राण्ड के नाम से लोगो बनाया गया है । अब सेन्ट्रल जेल मोतिहारी में बन्द कैदियों के हाथों से बने सामान की बिक्री के लिए जेल गेट के पास एक स्थाई बिक्री केन्द्र खोली जाएगी । सेंट्रल जेल के गेट पर बिक्री केंद्र खोलने के लिए जगह उपलब्ध करवा दिया गया है। हाल के दिनों में जेल आईजी के पहल पर जेल उधोग के लिए मुक्ति नाम से बने लोगो का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने पटना में किया था उसके बाद अब मोतिहारी जेल में बन रहे जूट के फ़ाइल फोल्डर, विभिन्न कलाकृति, साबुन ,पेंटिंग इत्यादि सामानों को बेचने के लिए स्टॉल खोलने के लिए जेल प्रशासन को जगह एलाट कर दिया गया है।
आपको बता दे की मोतिहारी जेल में बंद कैदियों के हाथों बन रहे सामान की इन दिनों काफी चर्चा हो रही है। पटना में हुए प्रदर्शनी में भी मोतिहारी जेल के कैदियों द्वारा बनाए गए सामानों की तारीफ हुई थी। जेल में बंद कैदियों के हाथों बने सामानों को और ज्यादा बड़ा मार्केट देने के लिए फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे साईट के माध्यम से बेचने की तैयारी चल रही है। मोतिहारी के डीडीसी सह जेल के वरीय पदाधिकारी समीर सौरभ ने बताया कि जेल के कैदियों के हाथों बने सामान और विभिन्न कलाकृतियों के बिक्री से हासिल पैसों का उपयोग जेल में बंद कैदियों के वेलफेयर में खर्च किया जाएगा।