मुंगेर के तारापुर थाना में झंडा फहराने में शहीद हुए 34 शहीदों को 91 वर्ष बाद पहली बार मिला राजकीय सम्मान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात में तारापुर शहीदों की चर्चा होने के बाद शुरू हुई थी शहीदों की चर्चा।आयुक्त , डीआईजी डीएम सहित कई जनप्रतिनिधियों ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि।
15 फरवरी का दिन तारापुर के इतिहास का बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है 15 फ़रवरी, 1932 की दोपहर तारापुर थाना में राष्ट्रीय झंडा फहराने के क्रम में 34 देश भक्त स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजों की गोली खाकर हंसते हंसते शहीद हो गए। जिसमे 13 शहीदों की तो पहचान हो पाई लेकिन अन्य 21 शहीदों के बारे में आज भी लोग अज्ञात ही हैं । इन्ही शहीदों की याद में बना है शहीद स्मारक भवन में जहां लगे है शहीदों के आदमकद प्रतिमा और पार्क का निर्माण किया गया है। भारत में जालियां बाला बाग के बाद में एक जगह स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान इतनी बड़ी संख्या में शहादत की दूसरी बड़ी एकमात्र घटना है। पिछले वर्ष प्रतिमा एवं पार्क उद्घाटन के मौके पर स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था । साथ ही स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की भी घोषणा मुख्यमंत्री ने किया था ।भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात में तारापुर के वीर शहीदों कि कर चुके हैं चर्चा और अब आज
तारापुर शहीद दिवस राजकीय समारोह के साथ मनाया जा रहा है।
91 साल में पहली बार राजकीय समारोह के साथ मनाया जाएगा तारापुर शहीद दिवस जो तारापुर सहित जिले वासियों के लिए गौरव का पल है । वहीं शहीदों कि याद में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम का भी आयोजन होगा।
वहीं मुंगेर प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह ने कहा कि ये शहीदों की धरती तारापुर में आकर हमलोग गौरान्वित महसूस कर रहे हैं।यहां अधिकारियों और मुख्यमंत्री की पहल पर शहीद स्मारक का निर्माण कराया गया है।आज हमलोग यहां उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी है।