NEWSPR डेस्क। झारखंड में एक विधायक के साथ ही हेड़ाफेड़ी हो गया। भू माफियाओं ने उनका जमीन बेच दिया। ये घटना विशुनपुर से झामुमो विधायक चमरा लिंडा की साथ हुई है। उनकी 1932 की खतियानी जमीन पर जमीन दलाल प्लॉटिंग कर रहे हैं। वहीं ऑनलाइन में दूसरे के नाम पर जमीन का निबंधन कर दिया गया है। विधायक चमरा लिंडा ने इससे संबंधित शिकायत नगड़ी अंचल में की है।
खतियान में चमरा लिंडा के दादा सोहराई उरांव के नाम दर्ज जमीन पर भू-माफियाओं की नजर है। विधायक ने जमीन का ब्योरा देते हुए शिकायत कि जिस जमीन को उनके परिवार पुश्तैनी रूप से जोत-आबाद कर रहे हैं, उसे ही बेचा जा रहा है। विधायक के आवेदन के बाद अंचलाधिकारी ने अपने स्तर पर जांच की। इसके बाद संबंधित थाना प्रभारी को पत्र भी भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि भूमि पर अवैध रूप से मिट्टी का कटाव और प्लॉटिंग किया जा रहा है।
सीओ ने थाना प्रभारी से आजाद अंसारी, अगस्त कच्छप और बिजेंद्र सिंह पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। विधायक चमरा लिंडा का दावा है कि उनके परिवार-गोतिया की छह एकड़ जमीन की गलत तरीके से बिक्री, दाखिल खारिज और हड़पने की कोशिश हो रही है। विधायक चमरा लिंडा नगड़ी के टुंडूल टोला डोरिया टोली के रहनेवाले हैं. विधायक की जमीन रिंग रोड के किनारे है।
मेरी जमीन नहीं बच रही है, तो बाकी आदिवासियों के साथ क्या हो रहा होगा : चमरा
विधायक चमरा लिंडा ने कहा कि गांव-गांव में जमीन की लूट हो रही है। कुछ आदिवासियों को आगे कर जमीन दलाल, माफिया जमीन लूट में लगे हैं। मैं विधायक हूं। मेरा परिवार सक्षम है। जब मेरी पुश्तैनी रैयती जमीन दलाल अपने नाम करा ले रहे हैं, तो बाकी गरीब, अशिक्षित व लाचार आदिवासियों के साथ क्या हो रहा होगा। मेरी छह एकड़ जमीन पर हेराफेरी हुई है। चमरा लिंडा ने कहा कि ऑनलाइन में देख रहा हूं, तो पता चल रहा है कि बिक्री भी हो गयी है।
विधायक ने कहा कि आदिवासी की परंपरा, रीति-रिवाज, संस्कृति और गांव का शासन-प्रशासन सब कुछ जमीन से जुड़ा है। इस पर ही हमला हो रहा है। आदिवासियों की जमीन नहीं बचेगी, तो उसकी पहचान नहीं बचेगी। पाहन की भुईंहरी जमीन को बेचने से रोक रहा हूं, तो जमीन दलाल कह रहे हैं कि मैं हिस्सा मांग रहा हूं। इस पूरे खेल में प्रशासन के लोगों की मिलीभगत है।