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टेक्सटाईल एवं लेदर पॉलिसी 2022 का लोकार्पण, मुख्यमंत्री ने शाहनवाज हुसैन का किया धन्यवाद, कहा- बिहार में इन्वेस्टर्स का आना उनकी काम की सफलता

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NEWSPR डेस्क। पटना में मंगलवार को बिहार टेक्सटाईल एवं लेदर पॉलिसी 2022 का लोकार्पण किया गया। इसका शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ करने के बाद मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को अभिनंदन करता हूँ। शुरू से ही बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने की हमारी कोशिश रही है। वर्ष 2006 में इसको लेकर पॉलिसी बनायी गयी थी। उद्योग को बढ़ावा देने के लिये हम शुरू से मदद देने का प्रावधान करते रहे हैं लेकिन उद्योग का जितना विकास होना चाहिए था उतना नहीं हो पाया है।

आज बिहार टेक्सटाईल एवं लेदर पॉलिसी, 2022 का लोकार्पण किया गया है। इस पॉलिसी के बारे में सभी चीजों की चर्चा की गयी है। खुशी की बात है कि अब यहाँ उद्योग में प्रगति हो रही है। कोरोना के दौर में बाहर से जो लोग बिहार आये उनसे हमने कहा कि यहीं पर रहकर काम करें और यहां उद्योग संबंधित कार्यों की शुरुआत हुई। समाज के सभी तबकों के लिये हमलोग काम कर रहे हैं। वर्ष 2018 में हमलोगों ने अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को उद्योग लगाने में मदद देने के लिये 5 लाख रूपये तक की सहायता और 5 लाख रूपये का ऋण देने का प्रावधान किया।

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वर्ष 2020 के जनवरी में हमलोगों ने अनुसूचित जाति / जनजाति की तरह ही अतिपिछड़े वर्ग को भी यह लाभ देना शुरू किया किसी भी समाज की महिलाओं को भी अब यही सुविधा मिल रही है। सात निश्चय-2 कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। महिलाओं एवं युवाओं को भी 5 लाख रूपये तक की मदद एवं 5 लाख रूपये 1 प्रतिशत की ब्याज पर ऋण के रूप में उपलब्ध करायी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन लगातार सक्रिय हैं। नई पॉलिसी से बिहार में उद्योग लगानेवाले निवेशकों को काफी लाभ होगा। नई पॉलिसी के तहत के प्लांट एवं मशीनरी के लिये पूंजी निवेश पर लागत का 15 प्रतिशत अनुदान, अधिकतम 10 करोड़ रूपये तक की मदद दी जायेगी। विद्युत शुल्क का अनुदान दो रूपये प्रति यूनिट करने का निर्णय किया गया है।

उद्योग में कार्यरत कर्मी को 6 हजार रूपये प्रति माह की दर से 5 वर्षों के लिये अनुदान दिया जायेगा निर्यात के लिये निर्यात संबंधित इकाइयों को ट्रांसपोर्टेशन सब्सिडी 30 प्रतिशत दी जायेगी। माल ढुलाई पर 10 लाख रूपये प्रतिवर्ष 5 वर्ष तक के लिये अनुदान दिया जायेगा। अपने प्रोडक्ट का पेटेंट कराने पर रजिस्ट्रेशन खर्च का 50 प्रतिशत, अधिकतम 10 लाख रूपये अनुदान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग बाहर जाकर काम करते रहे हैं. यहां उद्योग लगेगा तो यह बहुत अच्छा होगा और लोगों को बिहार में ही काम मिलेगा।

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