कैमूर जिले में ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बहुत जरूरी काम होने पर ही लोग बाहर निकल रहे है। कुल मिलाकर ठंड के चलते हर लोग परेशान है। खास बात यह कि इसी ठंड के बीच किसान अपने हक की लड़ाई भी लड़ रहे है। बुधवार को लगातार 23वें दिन भी उचित मुआवजा को लेकर किसानों का धरना जारी रहा। विदित हो कि भारत माला परियोजना के तहत कैमूर जिले में बनाये जाने वाले वाराणसी- कोलकत्ता एक्सप्रेसवे के निर्माण में उचित मुआवजा नहीं दिये जाने को लेकर किसान लगातार बुधवारर को 23वें दिन धरना पर बैठे रहें। धरना की अध्यक्षता किसान संघ मोर्चा के जिलाध्यक्ष विमलेश पांडेय ने किया। इस दौरान उन्होने कहा कि अकोढी, खरिगांई, नरजू, केतही आदि मौजा में सरकार द्वारा एक्सप्रेसवे निर्माण को लेकर अर्जित की गयी है। लेकिन व्यवसायिक प्लाटों को कृषि योग्य बता कर सरकार 10 वर्ष के पुराने सर्किल रेट पर मात्र 17 हजार रुपये डिसमिल के दर से मुआवजा दे रही है। जबकि अर्जित की गयी भूमि का स्वरूप व्यवासियक है। हमारी जमीन छीनी जा रही है। मौके पर पशुपति नाथ सिंह, अवधेश कुमार सिंह, रामेश्वर पांडे, श्यामसुंदर सिंह, रामलाल साह, भूपेंद्र सिंह आदि मौजूद रहें।