डीएम ने दवा खिलाकर किया फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत,10 फरवरी से अगले 14 दिनों तक जिले के 23 प्रखंडों में खिलाई जाएगी दवा।

Patna Desk

 

मोतिहारी,जिला समाहरणालय परिसर में आज राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के अंतर्गत एमडीए अभियान की शुरूआत जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक द्वारा की गई। मौके पर जिला सूचना जन जन सम्पर्कपदाधिकारी, आरबीएस के डीसी डॉ मनीष कुमार,एफएलए चंद्रभानु सिंह व अन्य लोगों ने सर्वजन दवा का सेवन किया।जिलाधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जिसे हाथी पांव के नाम से जाना जाता है। यह क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इस बीमारी से संक्रमित होने के बाद 10 से 15 वर्ष के बाद मनुष्यों में यह हाथीपांव, हाइड्रोसील, महिलाओं के स्तनों में सूजन इत्यादि के रूप में दिखाई देता है। यह शरीर को अपंग एवं कुरूप करने वाली बीमारी है। इससे सुरक्षित रहने का एकमात्र विकल्प एमडीए राउण्ड के दौरान सर्वजन दवा सेवन करना है। उन्होंने बताया कि जन जागरूकता के द्वारा ही सर्वजन दवा सेवन से फाइलेरिया का उन्मूलन सम्भव है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी निर्धारित आयु वर्ग के लोग दवा का सेवन करें।

10 फरवरी से अगले 14 दिनों तक चलेगा अभियान,

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत राय ने बताया कि 10 फरवरी से अगले 14 दिनों तक जिले के 23 प्रखंडों में 2163 दलों के द्वारा 49 लाख 38 हज़ार 4 सौ 34 लोगों को डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी, इसमें इस बात का ध्यान रखना है कि आशा कार्यकर्ताओं व स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही दवा खानी है।

इस प्रकार खिलाई जाएगी दवा

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव को 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 1 गोली और अल्बेंडाजोल की 1 गोली, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 2 गोली व अल्बेंडाजोल की 1 गोली तथा 15 वर्ष से ऊपर के लोगों को डीईसी की 3 गोली व अल्बेंडाजोल की 1 गोली खिलाई जाएगी।दवा का हल्का साइड इफेक्ट हो सकता है, घबराएं नहीं

डॉ शर्मा ने बताया कि खाली पेट दवा नहीं खानी है। उन्होंने दवा खाने से होने वाले प्रतिकूल प्रभाव के बारे में बताया कि दवा खाने से शरीर के अंदर मरते हुए कीड़ों की वजह से कभी-कभी किसी व्यक्ति को सिर दर्द, बुखार, उल्टी, बदन पर चकते एवं खुजली हो सकती है । इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह स्वत: दो-एक घंटे में ठीक हो जाएगा। फिर भी ज्यादा दिक्कत होने पर ऐसे लोगों को चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाएगा।

Share This Article