ताश के पत्तो की तरह ढह गया 15 करोड़ के कटावरोधी कार्य,करोड़ों के बोल्डर पिचिंग का कार्य गंगा में हुआ विलीन।

Patna Desk

 

भागलपुर में बीते वर्ष गंगा व कोसी नदी में हुए भीषण कटाव के बाद बिहार सरकार ने कटावरोधी कार्य के लिए करोड़ों रुपये दिए जिससे कटावरोधी कार्य भी हुआ लेकिन यह कैसा कार्य है जो गंगा की भेंट चढ़ जा रहा है। दरअसल भागलपुर जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर नवगछिया अनुमंडल अन्तर्गत तिनटंगा के ज्ञानिदास टोला में गंगा किनारे एमसी में बोल्डर पत्थर डालकर काम कराया गया था। यहाँ 15 करोड़ की लागत से कार्य हुआ था लेकिन आलम यह है कि छह महीने भी कार्य सही से टिक नहीं सका। कल देर रात 21 मीटर के दायरे में बोल्डर हटकर गंगा में समा गया वहीं कई जगह धंसान हो गया है जिससे ग्रामीण डरे सहमे हैं क्योंकि पिछले वर्ष तक गंगा ने इस गाँव मे कहर बरपाया था जहां दर्जनों घर कटकर गंगा में समाहित हो गए थे वहीं इसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर पुनः फ्लड फाइटिंग का कार्य तेजी से कराया जा रहा है जल संसाधन विभाग के एसडीओ , अधीक्षण अभियंता समेत कई अधिकारी मौके पर पहुँचकर कटावरोधी कार्य करा रहे हैं बालू भरी बोरियाँ कटाव क्षेत्र में डाली जा रही है ताकि गाँव का अस्तित्व बचाया जा सके यानी सरकार का फिर से लाखों खर्च होगा और फिर वही कार्य होगा। अब सवाल यह है कि आखिर अधिकारी किस स्तर से कार्य कराते है कि वह गंगा की भेंट चढ़ रहा है। कार्य में अनियमितता नहीं है तो क्या है सुबोध कुमार मंडल, ग्रामीण ने कहा की यह बोल्डर पिचिंग 1 बजे रात में गिरा है, 21 मीटर के लगभग में गिरा है। इससे गांव को नुकसान हीं है, यदि ठोस तरीके से काम नही हुआ तो गांव गंगा में समा जायेगा। अभी विभाग के तरफ से काम करवाया जा रहा है। इस गांव से लगभग 400 घर पहले हीं गंगा में समा चुका है।

नवीन कुमार ठाकुर, ग्रामीण ने कहा की ये रात में 1 बजे गिरा है, 21 मीटर की दूरी में बोल्डर पिचिंग गिरा है। बहुत दिक्कत है, हमारा गांव खतरे में है। भ्रष्टाचार का काम रुकने वाला नही है, सही काम नही होता है। नीतीश कुमार के राज में भ्रष्टाचार वाला काम रुकने वाला नही है। अभी जीओ बैग का काम करवाया जा रहा है, लेकिन इससे गांव बचने वाला नही है।

रवींद्र महतो, ग्रामीण ने कहा हमको उम्मीद नही है गांव बचेगा, पानी का जो दवाब आता है, वैसा पुख्ता काम हुआ नही है। जीओ बैग भी सही से काम हो जाए तो कुछ उम्मीद बनेगी। सब को डर लग रहा हैं की कहीं फिर से घर न कट जाए।

रणवीर प्रसाद, अधीक्षण अभियंता, जल संसाधन विभाग ने कहा की बोल्डर पिचिंग का काम विलीन नही हुआ है, काम होता है और स्टेबल करता है, जैसे मिट्टी पर पत्थर डाला गया, मिट्टी अगर बैठ जाती है तो वह पत्थर भी बैठता है। साइड स्लोव सिर्फ बैठ गया है। 21 मीटर में स्लोप बैठा है। एनसी से हमलोग रिस्टोर करते है। हमलोग उम्मीद करते है, इसको शाम तक रीस्टोर कर लेंगे।

Share This Article