NEWSPR डेस्क। दरभंगा स्टेशन पर पार्सल ब्लास्ट मामले में अबतक 4 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मामले में गिरफ्तार मलिक ब्रदर्स इमरान और नासिर मलिक से एनआइए ने पूछताछ शुरू कर दी है। रिमांड पर लेने के बाद अब एनआइए दोनों आरोपितों को दिल्ली लेकर चली गयी है। इसके बाद हैदराबाद, शामली व अन्य जगहों पर ले जाकर निशानदेही को पुख्ता कर सकती है। सूत्रों की मानें तो दरभंगा ब्लास्ट स्थल पर भी ले जाकर जांच को आगे बढ़ाया जा सकता है। इधर अन्य दो आरोपितों की एनआइए कोर्ट में पेशी के बाद बेऊर जेल भेज दिया गया। इसमें एक आरोपित की रिमांड एनआइए को मिल गयी है।
सूत्रों की मानें तो एनआइए के सामने घटना की पूरी पटकथा साफ हो गयी है। देश में इस वारदात में शामिल चारों मुख्य आरोपित अब एनआइए की जद में हैं। लेकिन, अब एनआइए के जांच का एक पक्ष यह है कि आखिर घटना को अंजाम देने के लिए कहां से पैसा आया था? अगर हवाला कारोबार के आतंक के लिए फंडिंग की जा रही थी तो इसके पीछे कौन हैं? विदेशी फंडिंग भी इसमें शामिल हो सकती है. हालांकि सूत्रों की मानें तो ब्लास्ट से पूर्व करीब 1.5 लाख तक दोनों भाइयों को पैसा मिल गया था. ब्लास्ट के बाद करोड़ों की डील थी।
17 जून को दरभंगा स्टेशन पर हुए पार्सल ब्लास्ट मामले में एक मोबाइल नंबर जांच एजेंसियों के लिए बड़ा मददगार साबित हुआ है. सिकंदराबाद स्टेशन पर पार्सल की बुकिंग करने वाले और दरभंगा में रिसीवर के रूप में एक ही व्यक्ति का नाम लिखा हुआ था, जो मो. सुफियान था। इसी तरह से दोनों ही जगहों पर एक ही मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया था. ब्लास्ट के बाद उसी नंबर के टॉवर लोकेशन से एक के बाद एक आरोपित गिरफ्तार होते गये। हालांकि, जिस के नाम से बुकिंग की गयी थी, वो अभी भी पूरे घटना क्रम से बाहर है। गौरतलब है कि कफील और सलीम ने ही हैदराबाद में रह रहे इमरान और नासीर के बारे में बताया था. तब जाकर उन दोनों भाइयों को गिरफ्तार किया जा सका।