NEWSPR डेस्क। नौ वर्षीय बच्ची के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से अहम खुलासा हुआ है। जलने से बचे पैरों व रीढ़ की हड्डी से पता चला है कि जलाने से कई घंटे पहले ही उसकी मौत हो गई थी। घुटने से नीचे पैर जलने से बच गए थे और रीढ़ की हड्डी का हिस्सा भी 80 फीसदी जल चुका था। बच्ची की मौत की कैसे हुई और उसके साथ दुष्कर्म हुआ या नहीं, ये बताने को लेकर डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए हैं।
बच्ची की मां ने कोर्ट में 164 सीआरपीसी के तहत वही बयान दिए हैं जो उन्होंने एफआईआर दर्ज कराते समय दिए थे। वहीं, बृहस्पतिवार को भी परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया। उधर, मामले को लेकर दिनभर सियासी सरगर्मियां तेज रही और बच्ची के परिजनों से मिलने के लिए नेता दौड़ लगाते नजर आए। पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला। निर्भया की मां भी पीड़ितों से मिलने पहुंची।
दक्षिण-पश्चिमी जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर जांच आगे नहीं बढ़ सकती। पुलिस के पास सिर्फ फोरेंसिक जांच का ही सहारा है। दिल्ली पुलिस ने चार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मौका-ए-वारदात की दोबारा जांच के लिए देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई की सीएफएसएल की टीम का सहारा लिया और उससे मौका मुआयना कराया है। फोरेंसिक टीम ने पुजारी राधेश्याम के कमरे की गहनता से जांच की और उसके बिस्तर पर बिछी चादर, तकिया व उसके पहने हुए कपड़ों को सीज कर दिया है। अन्य आरोपियों के कपड़ों को भी सीज किया गया है। वहीं, पीड़ित परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया।
दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी इंगित प्रताप सिंह ने बताया कि परिजनों का कहना था कि बृहस्पतिवार को अंतिम संस्कार नहीं करते। इसलिए वह शव नहीं लेंगे। शव को डीडीयू अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है। डीसीपी का कहना है कि शुक्रवार को पीड़ित परिवार को शव देने का प्रयास किया जाएगा।
डीआईयू से अपराध शाखा को मिली फाइल, घटनास्थल का दौरा : मामले की फाइल बृहस्पतिवार शाम अपराध शाखा को मिल गई। अपराध शाखा की चाणक्यपुरी स्थित इंटर स्टेट सेल यूनिट मामले की जांच करेगी। अधिकारियों ने फाइल का अध्ययन करना शुरू कर दिया था। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद मामले की जांच दिल्ली कैंट थाना पुलिस से लेकर जिला इंवेस्टीगेशन यूनिट (डीआईयू) को दे दी गई थी। बुधवार शाम जांच की फाइल डीआईयू से लेकर अपराध शाखा को सौंप दी गई थी। अपराध शाखा की टीम ने मौके का दौरा किया और जरूरी सुबूत जुटाए।
पुजारी ने नहीं देने दी थी पुलिस को सूचना : पीड़ित बच्ची की मां ने एफआईआर दर्ज कराते समय पुलिस व कोर्ट में जो बयान दिए हैं उसमें कहा है कि पुजारी ने बच्ची की मौत की सूचना पुलिस को नहीं देने दी थी। पुजारी ने कहा था कि उनकी बच्ची की करंट से मौत हुई है। अगर वह पुलिस को सूचना देंगे तो पुलिस पोस्टमार्टम करवाएगी और बच्ची के शरीर के अंग निकाल लिए जाएंगे।
ये है मामला : दिल्ली कैंट के पुराना नांगल गांव में एक अगस्त की शाम स्थानीय श्मशान घाट पर नौ वर्षीय बच्ची की मौत हो गई थी। इसके बाद वही पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। बाद में बच्ची के माता-पिता ने उसके साथ दुष्कर्म, हत्या और उसे जलाने का पुजारी समेत चार लोगों पर आरोप लगाया। चारों आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया।