नई दिल्लीः ऑनलाइन पैथोलॉजी लैब मामले पर सुनवाई के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है। हाई कोर्ट ने कहा जितने भी गैर कानूनी ऑनलाइन हेल्थ सर्विसेज चल रही है उसके खिलाफ़ राज्य सरकार कार्रवाई करे।
दरअसल, याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा था कि अथॉरिटीज की बिना स्वीकृति के ऑनलाइन पैथोलॉजी लैब शहर में लोगो के ब्लड सेंपल ले रहे है जिससे लोगो के जीवन रिस्क में है। इसके अलावा जो लोग ब्लड सेंपल लेने जाते है उनके पास एडुकेशन या डिग्री भी नही होती है लिहाजा लोगो का जीवन खतरा में होता है। याचिकाकर्ता खुद एक डॉक्टर है।
नियमों के अनुसार करें कार्रवाई
अवैध ऑनलाइन स्वास्थ्य सेवा देने वालों (एग्रीगेटर्स) पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) नियमों के मुताबिक कार्रवाई करें।
हाई कोर्ट ने दायर की गई जनहित याचिका पर अथॉरिटीज को रिप्रेजेंटेशन के तौर पर लेने का भी निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता के वकील शशांक सुधी से कहा है कि वो अवैध ऑनलाइन चल रही पैथोलॉजिकल लैब से जुड़ी जानकारी आईसीएमआर दिल्ली सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय को दें।
हाई कोर्ट में दाखिल उक्त याचिका में कहा गया था कि इस याचिका को कोर्ट में लगाने से पहले आईसीएमआर और स्वास्थ्य मंत्रालय में एक आरटीआई भी दाखिल की गई थी, जिसमें ऑनलाइन चल रहे पैथ लैब्स को लेकर जानकारी मांगी गई थी, लेकिन इस बारे में काफी वक्त बीतने के बाद भी कोई जवाब याचिकाकर्ता को अभी तक नहीं मिल सका है.