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दिसंबर एवं जनवरी माह में अभियान चलाकर 862.78 एकड़ में फैले अफीम की खेती को किया गया नष्ट।

वन विभाग तथा उत्पाद विभाग के संयुक्त टीम द्वारा की जा रही छापेमारी

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गया जिले में अफीम, गांजा एव अन्य मादक पदार्थों का अवैध उत्पादन पर रोकथाम एवं विनष्टीकरण से संबंधित समीक्षा जिला पदाधिकारी के स्तर से लगातार की जा रही है, जिसके परिणाम यह है कि *दिसंबर एवं जनवरी माह में कुल 862.78 एकड़ से अधिक* भूमि पर अफीम के फसल को विनष्ट करने का कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि वन विभाग तथा उत्पाद विभाग के संयुक्त टीम द्वारा छापेमारी की जाती है तथा अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी द्वारा इसकी निरंतर मॉनिटरिंग की जाती है।

जिला पदाधिकारी ने कहा कि शेरघाटी अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत बाराचट्टी एवं डुमरिया के विभिन्न क्षेत्रों में यह कार्रवाई की गई है। अफीम की खेती को विनष्ट हेतु भीषण जंगल में जाकर के यह अभियान चलाया जाता है। इसमें एसएसबी के जवान भी रहते हैं। संबंधित थाना प्रभारी भी रहते हैं। इस बार एक्साइज विभाग के सहायक आयुक्त उत्पाद श्री प्रेम प्रकाश को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। उत्पाद विभाग एवं वन विभाग के संयुक्त नेतृत्व में यह अभियान चलाया जा रहा है। और आगे यह कार्रवाई फरवरी माह के अंतिम तिथि तक प्रभावी रूप से चलाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि जिले में अफीम की खेती पर रोकथाम लगाने एवं आवाजाही पर रोकथाम के लोगों को जागरूक किया जा रहा है, साथ साथ संबंधित माफिया नेटवर्क को समाप्त करने हेतु प्रभावी कार्रवाई की जा रही है।

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उन्होंने कहा कि गया जिले के बाराचट्टी, बांकेबाजार, डुमरिया एवं अन्य स्थानों पर अफीम की खेती को बंद करने एवं इसके स्थान पर लेमनग्रास की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। लेमनग्रास की खेती करने हेतु किसानों/लोगों को जागरूक एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाराचट्टी, बांकेबाजार में लेमनग्रास की अच्छी खेती की जा रही है। डोभी एवं बाकेबाजार प्रखंड में भी कई एकड़ो में लेमनग्रास की खेती की जा रही है।

उन्होंने कहा कि किसानों एवं अन्य लोगों को अफीम की खेती छोड़ने एवं लेमनग्रास की खेती करने हेतु प्रेरित एवं जागरूक किया जा रहा है। साथ ही वन उत्पादित पदार्थों से रोजगार प्राप्त करने हेतु प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं।

जनवरी माह में कुल 542.5 एकड़ भूमि में अफीम के फसल को नष्ट किया गया है, जिनमें विराज गांव में 48.8 एकड़, जरी आहार गांव में 20 एकड़, बारह गांव में 57.3 एकड़,महुलनिया गांव में 83.2 एकड़, फलगुनिया गांव में 11.1 एकड़, छोटकी चापी गांव में 57.8 एकड़, बड़की चापि में 48.1 एकड़, नविगढ़ गांव में 34.5 एकड़, नकटिया गांव में 28.4 एकड़, बंगवतरी गांव में 34.3 एकड़, नावाडीह 20.2 एकड़, मलोटरी 22.1 एकड़, पोखरिया 25.1 एकड़, कईया 20.1 एकड़ एवं बेला गांव में 31.5 एकड़ क्षेत्र में अफीम की खेती को नष्ट किया गया है।

इसी प्रकार दिसंबर माह में कुल 320.28 एकड़ भूमि में फैले अफीम के फसल को नष्ट किया गया है।

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