पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीति पार्टियां अपने-अपने स्तर से चुनावी मैदान में अपना दमखम दिखाने की तैयारी में हैं। क्या राजद, क्या बीजेपी क्या कांग्रेस और जदयू। सभी रणनीति बनाने और शक्ति प्रदर्शन में जुटे हुए हैं… ऐसे में जाप संरक्षक पप्पू यादव… एक तरफ पार्टियां कोरोना काल में चुनाव को रोकने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने और चुनाव आयोग के फैसले को मुंह चिढ़ाने के लिए 10 लाख कार्ड भेजने की बात करते हैं। लेकिन खुद ही नियमों को ताक पर रख कर चलते हैं।
दरअसल जाप संरक्षक पप्पू यादव दरभंगा में अपने कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद मीडिया के सामने हुंकार भरते नजर आएं। इस दौरान कोरोना काल में जारी सरकारी एडवाइजरी सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करना और मास्क का प्रयोग करना मानों जाप अध्यक्ष और उनके कार्यकर्ता भूल ही गए हैं। ऐसा लगता हैं जैसे मानों जनाधिकार पार्टी को कोरोना का डर ही नहीं हैं। तभी तो ना पार्टी अध्यक्ष ने मास्क लगाया और ना ही कार्यकर्ताओं को इसकी अनुमति दी है। सोशल डिस्टेंशिंग की तो बात भी भूल जाओं।
और तो और जरा एक नजर उपर लगी इस तस्वीर पर डालिए। ये देखिए कुछ कार्यकर्ताओं ने मास्क तो लगाया हैं। लेकिन NEWS PR को हाथ लगी एक दूसरी तस्वीर में ओ मास्क भी उतर जाता है। ऐसे लगता है जैसे मानों जाप संरक्षक और उनके कार्यक्रता मीडिया की कैमरे के सामने चमकने के लिए कोरोना जैसी काल से भी लोहा लेने में पीछे नहीं हो सकते हैं।
तो सून लो साहब कैमरे पर आपको चमकना हैं, राजनीति आपको करनी हैं, लेकिन आपकी लापरवाही का भुगतना अगर आपके साथ जुडे कार्यकर्ताओं, उनके परिवार के सदस्य या फिर उनसे जुडे हुए लोगों में फैलती है। और खुदा ना खास्ता कुछ अनहोनी हो गया तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। हलांकि हम ये भी मानते हैं कि आप लोगों की समस्या सुनते हैं। दिन-हीन को पैसे भी देते हैं। लेकिन कब तक.. कब तक साहब कब तक….