देशभर में 20 जुलाई से यानि आज से नया उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 लागू हो गया. यह कानून बेहद सख्त है और इस कानून के लागू होने का सबसे बड़ा फायदा ग्राहकों को होगा.
नया उपभोक्ता संरक्षण कानून 35 साल पुराने उपभोक्ता संरक्षण कानून-1986 की जगह लेगा. सरकार की दावों की मानें तो इन नए कानून के आने के बाद अगले 50 सालों तक ग्राहकों के लिए किसी नए कानून की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस नए कानून में कई ऐसे नए नियम लागू हो गए हैं, जो पुराने एक्ट में नहीं थे.
नए कानून के आने के बाद उपभोक्ता विवादों का समय पर, प्रभावी और त्वरित गति से निपटारा किया जा सकेगा. इसके लिए CCPA बनाया गया है. अब नए कानून में नकली या जाली या मिलावटी सामान बेचने पर अब दुकानदार को छह महीने से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है और उपभोक्ता को 1 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है. इसके साथ ही अगर ग्राहक को उत्पाद से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान होता है तो विक्रेता को सात साल की जेल और उपभोक्ता को 5 लाख रुपये तक मुआवजा मिल सकता है.
इस नए कानून में किसी भी उत्पाद के बारे में ग्राहकों को भ्रामक विज्ञापन देना महंगा पड़ जाएगा, ऐसा करने पर कार्रवाई की जएगी. इसमें ऑनलाइन और टेलीशॉपिंग कंपनियों को पहली बार शामिल किया गया है. इसके साथ ही कंज्यूमर मीडिएशन सेल का गठन किया जाएगा जिसमें दोनों पक्ष आपसी सहमति से मीडिएशन सेल जा सकेंगे. PIL या जनहित याचिका अब कंज्यूमर फोरम में फाइल की जा सकेगी.
नए कानून के तहर उपभोक्ता किसी भी कंज्यूमर कोर्ट में मामला दर्ज करा सकता है, चाहे उसने सामान कहीं और से ही क्यों न लिया हो. बता दें कि नया उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 जनवरी 2020 में ही लागू किया जाना था, फिर मार्च तक डेट बढ़ा दी गई थी. उसके बाद लॉकडाउन के कारण फिर से इसकी डेट टल गई थी. लेकिन आज से यह लागू हो जाएगा.