08 नवंबर 2016 के विनाशकारी तुगलकी फरमान के बाद धूमधाम से पेश किए गए 2000 रुपए के नोट अब फिर 19 मई 2023 को आर बी आइ द्वारा नही छपने की घोषणा तथा चलन में नही रखने की बात भ्रष्टाचारियों को बढ़ावा देने वाली फरमान होगी।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह क्षेत्रीय प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू, पूर्व विधायक मो खान अली, पूर्व नगर पार्षद शशि किशोर शिशु, जिला उपाध्यक्ष राम प्रमोद सिंह, बाबूलाल प्रसाद सिंह, शिव कुमार चौरसिया, दामोदर गोस्वामी, नारायण कुमार सिंह, विपिन बिहारी सिन्हा, अभिषेक श्रीवास्तव, टिंकू गिरी, सुनील कुमार राम, मौलाना आफताब आलम खान, मो समद, उदय शंकर पालित, बाल्मिकी प्रसाद, जगरूप यादव, जितेंद्र यादव, आदि ने कहा कि 2016 का भूत एक बार फिर देश को डरने आया है , विमुद्रीकरण एवम् बहुप्रचारित कदम देश के लिए पहले ही एक बड़ी आपदा साबित हुई है ।
नेताओ ने मोदी सरकार से इस तरह के कदम के पीछे की अपनी मंशा स्पष्ट करने की मांग की है। सरकार अपनी जनविरोधी और गरीब विरोधी एजेंडा लगातार जारी रखे हुए है।
नेताओ ने कहा की 2016 में जब 2000 रुपए की नोट जारी किया गया था तब आमजन में तरह , तरह की चर्चाएं हुई थी की इस नोट में चिप्स लगा है, जिसमे मोदी जी का फोटो नजर आता है, तथा दो हजार रूपए का नोट एक दो वर्षो में ही एका, एक छपे कुल 8 लाख करोड़ बाजार से गायब हो गया।
नेताओ ने कहा की आर बी आइ द्वारा जारी सर्कुलेशन में एक व्यक्ति दो हजार का दस नोट यानी एक बार में केवल बीस हजार रुपया ही बदल सकता है, तथा बदलने की अंतिम तारीख 30 सितंबर के बाद क्या होगा इसकी अभी खुलासा नहीं किया है।
नेताओ ने कहा की मोदी सरकार आखिर देश की आर्थिक स्थिति के बारे में भी बिना, सोचे समझे, सभी से राय किए बीना इस प्रकार का निर्णय लेना इनके तानाशाही रवैए का प्रमाण है।