नई साज-सज्जा के साथ ब्रिटेन निर्मित पैडल स्टीमर जल्द जनता के लिए खुलेगी, जानिए ‘पी एस भोपाल’ की खासियत

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। ब्रिटेन में डंबर्टन शिपयार्ड में 1944 में निर्मित ‘पी एस भोपाल’ नामक एक पैडल स्टीमर को श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता (तत्कालीन कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट) द्वारा नंबर 22 केपीडी पर एक प्रशिक्षण पोत के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। इसकी लंबाई लगभग 63 मीटर और चौड़ाई 9.2 मीटर है।

एसएमपी कोलकाता के अध्यक्ष विनीत कुमार ने कहा कि वर्ष 2019 में प्रशिक्षण संस्थान के साथ लीज समझौते के पूरा होने के साथ, एसएमपी कोलकाता इस जहाज का नवीनीकरण करना चाहता है। जिसकी धरोहर के रूप में अहमियत है और इसे जनता के लिए खोलना है। तदनुसार, एसएमपी कोलकाता जहाज के दीर्घकालिक पट्टे के लिए गया था जो उस समय जीर्ण-शीर्ण स्थिति में था और उसका अपना प्रणोदन नहीं था।

लंबी अवधि के पट्टे का चयन खुली निविदा के माध्यम से इस शर्त के साथ किया गया था कि पोत पट्टे की पूरी अवधि के दौरान एसएमपी कोलकाता की संपत्ति रहेगा। पट्टे की शर्त के अनुसार ‘पी एस भोपाल’ नदी तट या घाट से सटी गोदी में रहेगा और अपनी शक्ति से स्वचलित होगा। जहाज में एक प्रदर्शनी स्थल, रेस्तरां, छोटी सभा के लिए स्थान आदि होगा। उक्त पोत पूरा होने की अवस्था में और इसे यात्रियों के साथ चलाने के संबंध में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नदी में कुछ परीक्षण किए गए हैं।

एसएमपी कोलकाता के अध्यक्ष श्री विनीत कुमार के अनुसार, एसएमपी कोलकाता अगले महीने की शुरुआत में भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी तरह के पहले इस नवीनीकृत पोत का उद्घाटन करने की योजना बना रहा है। हालांकि पैडल अभी चालू नहीं है। पोत की मूल संरचना में कोई बदलाव नहीं किया गया है और प्रणोदन के साथ नए मुख्य इंजन स्थापित किए गए हैं ताकि जहाज यात्रियों के साथ नदी में चलते हुए उन्हें उसी तरह का वास्तविक अनुभव दिला सके जैसा कि 1944 में होता था।

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