NEWSPR डेस्क। गया के बांकेबाजार में भाकपा माओवादी संगठन के जिस नक्सली विजय उर्फ संदीप यादव की लाश बरामद की गयी है। वह पिछले 27 सालों से पांच राज्यों की पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड बना हुआ था। नक्सल प्रभावित इलाकों में उसका नाम आतंक का पर्याय था। झारखंड पुलिस ने उस पर सबसे अधिक 25 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
संदीप यादव की मौत अभी भी रहस्य बनी हुई है, क्योंकि इसकी मौत किस कारण हुई ये स्पष्ट नहीं हो पाया है। संदीप की लाश को उसके गांव में बुधवार को कुछ लोग चबूतरे पर छोड़ गये थे। जिसकी पहचान विजय के पुत्र सोनू कुमार ने की, आशंका व्यक्त की जा रही है कि उसकी हत्या के पीछे उसके अपने ही विश्वस्त लोगों ने की है।
इस मामले पर एसएसपी हरप्रीत कौर ने कहा कि मौत के कारण स्पष्ट नहीं हो सका हैं। मेडिकल टीम गठित की गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मौत के कारण सामने आ सकेंगे, वैसे परिवार वाले डायबिटीज पेशेंट बता रहे हैं। पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को शव सौंप दिया गया है। उसके गांव में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। उसका भाई बुटाली यादव जो जेल में बंद उसको पुलिस अभिरक्षा में गांव में जाने की अनुमती दी गई थी।
संदीप नक्सलयों का बड़े नेता था, इसलिए नक्सलियों में थोड़ा गुस्सा तो है और उन्हें बड़ा नुकसान है. इसे खिलाफ देश के कई राज्यों की पुलिस ने ईनाम घोषित कर रखे थे झारखंड पुलिस द्वारा 25 लाख और बिहार में 5 लाख का इनाम घोषित था। इसके अलावा अन्य राज्यों में भी इसे खिलाफ इनाम घोषित है।
गया से मनोज की रिपोर्ट