नगर निकाय चुनाव खत्म होने के बाद,चुनाव से जुड़े आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू।

Patna Desk

 

भले ही नालंदा जिले में नगर निकाय का चुनाव संपन्न हो गया हो लेकिन इस चुनाव से जुड़े आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। ताजा मामला अस्थावां नगर पंचायत का है जहां अस्थावां नगर पंचायत के मुख्य पार्षद पद हेतु शिवबालक यादव उर्फ उमेश मुखिया और दूसरी तरफ लाडली सिन्हा मुख्य पार्षद पद पर चुनाव लड़ रही थी। जनता ने अपना जनादेश देते हुए लाडली सिन्हा को मुख्य पार्षद पद पर चुनाव में जिताने का काम किया। भले ही मुख्य पार्षद पद पर लाडली सिन्हा चुनाव जीत गई हो लेकिन इस चुनाव से जुड़े विवाद खत्म नहीं हुआ है। मुख्य पार्षद प्रत्याशी शिव बालक यादव ने कहा कि इस नगर निकाय के चुनाव में अस्थावां नगर पंचायत से लाडली सिन्हा ने चुनाव आयोग एवं अन्य पदाधिकारियों के आंखों में धूल झोंक ते हुए तीन बच्चे की जगह दो बच्चे को ही कागजात में दर्शाया है। जबकि राज्य की सरकार ने 2008 में ही कानून बनाया था जिसके 3 बच्चे होंगे वह कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकता है लेकिन नवनिर्वाचित मुख्य पार्षद लाडली सिन्हा ने 3 बच्चे की जगह चुनावी दस्तावेज में दो बच्चे को ही दर्शाया है। पूर्व मुख्य पार्षद प्रत्याशी शिवबालक यादव ने जिला प्रशासन से इस मामले को लेकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है ताकि आने वाले भविष्य में सरकार ने जो कानून चुनाव के मद्देनजर बनाया है।

उसका सही तरीके से पालन हो क्योंकि इस मामले में कहीं ना कहीं पदाधिकारियों के द्वारा सरकार के बनाए गए कानूनों का उल्लंघन करवा रहे हैं। जो सरासर गलत है। वही इस संबंध में नवनिर्वाचित मुख्य पार्षद लाडली सिन्हा के निवेदक विजय मुखिया ने कहा कि यह सब चुनाव में हार की बौखलाहट है जो साफ तौर पर दिख रहा है। हार की बौखलाहट में ही पूर्व प्रत्याशी शिवबालक यादव तरह-तरह का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले बार भी बालक यादव के द्वारा मुखिया के चुनाव में हार जाने के बाद तरह-तरह के आरोप लगाकर खुद भी परेशान हुए थे और हमें भी परेशान किया था। निवेदक विजय मुखिया ने 3 बच्चे के मामले को नकारते हुए कहा कि चुनाव आयोग में हमारे द्वारा सभी दस्तावेजों को दर्शाया गया है। हमारे एक जुड़वा बच्चे हैं और एक सिंगल बच्चे है। उनके पास हमारे तीन बच्चे होने के कोई भी साक्ष्य नहीं है। फिलहाल यह मामला तो जांच के बाद ही साफ हो पाएगा।

Share This Article