NEWSPR डेस्क। अखिल भारतीय एवं बिहार एक निर्माता संघ के आवाहन पर अस्पताल चौराहा पर नालंदा ईट निर्माता संघ के द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। जिसमें नालंदा के ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र के ईंट उद्योग से जुड़े व्यवसायीयों ने शिरकत की है। इस मौके पर नालंदा ईंट निर्माता संघ के अध्यक्ष कुणाल रंजन ने कहा कि इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से हमारी पांच सूत्रीय मांगें हैं।
जितने जीएसटी बढ़ोतरी सरकार वापस लेने का काम करें,कोयला के अप्रत्याशित मूल्य वृद्धि पर अभिलंब अंकुश लगाया जाए, सब्सिडी आधारित कोयला का कोटा बढ़ाया जाए, ईट का सरकारी दर में बढ़ोतरी किया जाए और सरकारी कार्यों में लाल ईंट का प्रतिबंध भी समाप्त किया जाए। सरकार द्वारा हर साल नदी तालाब और पोखर में सरकारी योजना के तहत जो उड़ाई की जाती है, इस पर सरकार हर साल करोड़ों रुपया भी खर्च करती है अगर यही कार्य सरकार हम लोग को दे दिया जाए, तो हम लोग अपने खर्च पर नदी पोखर और तालाब से गाद को निकालने का काम करेंगे।
जिसमें सरकार से ही खर्च भी बचेगी और हम लोगों का मिट्टी का अभाव भी दूर हो जाएगा। सरकार जिस तरह से सरकारी योजनाओं में लाल ईट का प्रयोग समाप्त कर दिया है। इससे ईंट उद्योग बंद हो जाएगा और बिहार में मजदूरों का पलायन भी पड़ जाएगा। सरकार हमारी मांगों को अगर नहीं मानती है तो 13 सितंबर से हमलोग लाल ईंट की बिक्री पूर्णता बंद कर देंगे।
ऋषिकेश संवाददाता नालंदा