NEWSPR डेस्क। बिहार शरीफ के स्थानीय अस्पताल चौराहा पर भाकपा माले और शिक्षक कर्मचारी न्याय मंच के बैनर तले एक दिवसीय धरना दिया जा रहा था। इस धरने को प्रशासन के द्वारा बीच में ही रोक लगा दी गई। धरने की अगुवाई कर रहे हैं माले नेता पाल बिहारी लाल ने कहा कि केएसटी और कई वित्त रहित कॉलेजों में भ्रष्टाचार पूरी तरह से व्याप्त है। इसी व्याप्त भ्रष्टाचार और उत्पीड़न के खिलाफ एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया था। जिसे पुलिस ने बल प्रयोग कर रोक लगा दिया। माले नेता पाल बिहारी लाल ने कहा कि बिहार में कानून का नहीं बल्कि पुलिस का राज चल रहा है।
केएसटी कॉलेज समेत सभी वित्त रहित कॉलेजों में व्याप्त भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। फर्जीवाड़ा करने वाले केएसटी प्रिंसिपल अशोक कुमार एवं कॉलेज के सचिव वर्तमान मंत्री सरवन कुमार के विरुद्ध जांच की मांग की गई है। पाल बिहारी ने कहा कि हमारे द्वारा प्रशासन से परमिशन भी मांगा गया लेकिन प्रशासन ने परमिशन नहीं दिया।
गौरतलब है कि वित्त रहित कॉलेजों में शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ अन्याय हो रहा है। इसी सवालों को भाकपा माले, इनौस, शिक्षक कर्मचारी न्याय मंच के द्वारा उठाया जा रहा था। यही बात सरकार के नुमाइंदों को नागवार गुजरा क्योंकि वर्तमान समय में केएसटी कॉलेज के सेक्रेटरी बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार है और मंत्री जी के खिलाफ के जांच की मांग की गई है इसलिए इस धरने के ऊपर मंत्री जी का पावर चला।
वहीं इस मामले को लेकर मंत्री श्रवण कुमार ने फोन पर बताया कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप सरासर गलत और बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि जो लोग राजनीतिक पार्टी का सहारा लेकर इस मामले को राजनीतिक तूल दे रहे हैं उनके ऊपर खुद ही नौकरी के नाम झांसा देकर ठगी का आरोप लग चुका है जिसके कारण उन्हें कॉलेज से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इसीलिए इस मामले को फिलहाल राजनीतिक तूल देने की कोशिश की जा रही है।