पटना डेस्क
पटना. प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नीतीश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है कि राज्य के बाहर अवस्थित उद्योगों के बिहार में स्थानांतरण को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज दिया जाएगा। इस पैकेज के अंतर्गत प्लांट और मशीनरी का स्थानांतरण और उनके स्थापना पर हुए व्यय के 80% भुगतान सरकार करेगी। इसके साथ ही कच्चे माल के परिवहन पर हुए व्यय का 80% भुगतान किया जाएगा। हालांकि यह पैकेज सिर्फ एक साल के लिए वैध है। इसके अतिरिक्त 1 वर्ष के लिए ईपीएफ में कर्मियों का योगदान तथा नियोक्ता का योगदान 12 % भुगतान को मंजूरी दी गई है।
कोरोना के कारण 20 लाख से ज्यादा लोग बिहार लौट आए हैं। जिनके लिए राज्य में ही रोजगार की व्यवस्था करने के लिए नीतीश सरकार ने अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं। शुक्रवार को बिहार कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। जिससे बिहार में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। बैठक में विशेष रुप से उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नियमों में बदलाव पर चर्चा की गई। सरकार ने उद्योगपतियों को दूसरे राज्य से अपना कारोबार बिहार में शिफ्ट करने पर विशेष पैकेज देने की बात कही है। इस पैकेज में शिफ्टिंग और कच्चे माल की शिफ्टिंग में हुए व्यय का 80 फीसदी राशि सरकार द्वारा देने की बात कही गई है।
हर जिले में दो उपक्रम लगाएगा लोक उपक्रम
जिला परामर्श केंद्र द्वारा स्किल मैपिंग कर राज्य में नियोजन के अवसरों का सुझाव दिया जाएगा। जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना अंतर्गत प्रत्येक जिले में पांच कलस्टरों का निर्माण किया जाएगा। राज्य के लोक उपक्रमों द्वारा प्रत्येक जिले में 2 क्लस्टरों का निर्माण किया जाएगा।
सरकार खरीदेगी उत्पाद
राज्य में कुछ एवं लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करने और उनके लिए बाजार उपलब्ध कराने हेतु अनुकूल प्रावधान किए गए हैं. राज्य के सभी विभाग 1 महीने के अंदर ऐसे उत्पादों को चिन्हित करेंगे जिनकी खरीदी राज्य अवस्थित इकाइयों से ही जाएगी। विभाग के द्वारा ठेका देने पर ठेकेदार द्वारा भी चिन्हित उत्पादों का क्रय राज्य अवस्थित इकाईयों से ही किया जाएगा।