पटना डेस्क
नई दिल्ली: स्वदेश निर्मित उन्नत टॉर्पीडो विध्वंसक प्रणाली ‘मारीच’ को भारतीय नौसेना ने अपने बेड़े में शामिल कर लिया है। जिससे भारतीय नेवी और मजबूत हो गई है। इस टॉर्पीडो को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित किया है।
बताया गया ‘मारीच’ को अग्रिम मोर्चे के सभी युद्धपोतों से दागी जा सकती है। यह मिसाइल सिस्टम किसी भी टॉर्पीडो हमले को विफल करने में नौसेना की मदद करेगा। साथ ही रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित ‘मारीच’ प्रणाली हमलावर टॉर्पीडो का पता लगाने, उसे भ्रमित करने और नष्ट करने में सक्षम है।
नौसेना के अनुसार, ” इस प्रणाली के प्रतिरूप ने सभी प्रायोगिक मूल्यांकन परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए थे और नौसैन्य स्टाफ मानदंड आवश्यकताओं के अनुरूप सभी विशेषता प्रदर्शनों पर यह खरी उतरी थी।” नौसेना ने अपने बयान में कहा कि ‘मारीच’ को शामिल किया जाना स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी के विकास की दिशा में न सिर्फ नौसेना और डीआरडीओ के संयुक्त संकल्प का साक्ष्य है, बल्कि यह सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल तथा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनने के देश के संकल्प की दिशा में एक बड़ा कदम है। नौसेना ने कहा कि रक्षा उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा इस विध्वंसक प्रणाली का उत्पादन किया जाएगा।