NEWSPR डेस्क। बाढ़ के बेढना पश्चिमी पंचायत के किसान धान की पैदावार के लिए विख्यात हैं। बाढ़ का यह इलाका धान का कटोरा कहलाता है, लेकिन इस बार यहां के किसानों के साथ बहुत बड़ी समस्या पैदा हो गई है। इस बार यहां के किसान धान की खेती नहीं कर पा रहे हैं। इस इलाके में करीब 500 एकड़ जमीन बरसात के पानी से डूबा हुआ है। इससे धान का कटोरा कहे जाने वाले इस इलाके में इस बार धान की खेती नहीं हो सकेगी।
इस बाबत यहां के किसानों का कहना है कि फोरलेन सड़क निर्माण कंपनी के चलते इनके खेतों का यह हाल हुआ है। किसानों के मुताबिक बरसात का पानी ताल इलाके में पुलिया के माध्यम से आराम से निकल जाता था, लेकिन जब से सड़क निर्माण कंपनी ने काम करना शुरू किया है, किसानों की फजीहत हो गई है। सड़क की ऊंचाई बढ़ाकर बांध जैसा बना दिया गया है, सड़क में कहीं भी पुलिया नहीं दिया है, जिसके कारण आज इलाके के किसान परेशान हैं । पुलिया नहीं होने से बरसात का पानी खेतों में ही जमा हो जा रहा है। इससे इनका सारा खेत पानी में डूबा हुआ है और इस बार यहां के किसान धान की खेती नहीं कर पायेंगे। यहां के किसानों के पास अब धान का बिचड़ा गिराने के लिये भी जमीन नहीं है।
बेढ़ना पश्चिमी पंचायत के किसान बेहद आक्रोश में हैं। किसानों का साफ तौर पर कहना है कि सड़क निर्माण कंपनी यदि समय रहते जल निकासी की व्यवस्था नहीं की तो उनका आक्रोश फूट जाएगा और वह निर्माण कार्य को रोकते हुए सड़क को काटकर खुद से पानी निकालने की व्यवस्था करेंगे। हालाकी किसानों ने यह भी कहा कि इसकी जानकारी पहले लिखित तौर पर सरकारी महकमा को दे दी जाएगी, उसके बाद यह निर्णय लिया जाएगा। किसानों का कहना है कि इस बार वो एक दाना फसल भी नहीं उपजा पायेंगे। इससे उनकी गृहस्ती पर असर पड़ेगा। इसका मुआवजा भी कोई नहीं देने वाला है। इससे आक्रोशित किसान सड़क पर उतरने की तैयारी में हैं।