यूं तो मुंगेर पुलिस लगातार अवैध तरीके से पशुओं की तस्करी करने वाले के खिलाफ अभियान चलाती है और पशुओं की हत्या न हो इसके लिए कार्रवाई भी करती है।लेकिन ऐसी कार्रवाई का क्या फायदा जब तस्करों से बरामद पशुओं की मौत गौशाला में भूख और प्यास से हो जाए।पिछले छह महीने में 98 पशुओं को तस्करों के चंगुल से छुड़ाकर मुंगेर पुलिस ने गौशाला को सौपा लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इनमें से अबतक 78 पशुओं की मौत हो चुकी है जबकि बाकी बचे जानवर अपनी सांसे गिन रही है।चार महीने पूर्व मुफ्फसिल थाना पुलिस ने औरंगाबाद से आ रही 64 गायों से भरी कैंटिनर को जप्त किया लेकिन उन सभी जानवरों की मौत भूखे रहने की वजह से हो गई।वहीं चार दिन पूर्व सफिया सराय थाना पुलिस ने एक कैंटिनर में भरे 34 भैंस को बरामद किया जिसमें अबतक आठ भैंसों की मौत हो चुकी है जबकि कई अचेत अवस्था में गौशाला के मैदान के पड़ा हुआ है।
वहीं इस मामले में गौशाला के प्रभारी सचिव रंजीत कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि मेरे अधिकार में जितना हो सकता है वो हम कर रहे हैं।पैसों की निकासी पदेन अध्यक्ष यानी एसडीएम के हस्ताक्षर से ही संभव है।हमने उन्हें कई बार अवगत कराया है यहां की स्थिति से लेकिन पता नहीं क्या वजह है जो इसपर श्रीमान ध्यान नहीं देते हैं।उन्होंने बताया कि अभी गौशाला के खाते में लगभग 49 लाख रुपए मौजूद हैं और गौशाला अपने पैर पर खड़ा है।पहले गौशाला में चलने वाली 19 दुकानों का भाड़ा मिल जाता था लेकिन वो अब बंद कर सीधा गौशाला के खाते में ही भेजा जाता है जिसकी वजह से इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो रही है।उन्होंने बताया कि जहां तक जानवरों के चारे की व्यवस्था हमसे हो पाती है हम कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि जानवरों की मौत की वजह वो गाड़ी भी है जिसमें जानवरों को ठूंस कर लाया जाता है जिसमें वो घायल हो जाते हैं और यहां मौत हो जाती है।
-वहीं इस मामले में पदेन अध्यक्ष सह एसडीएम संजय कुमार ने बताया कि मीडिया के जरिए मुझे पता चला है की कुछ भैंसों की मौत हुई है।थाना के द्वारा मवेशियों को पकड़ कर गौशाला को सुपुर्द किया गया है।मैंने वहां के सचिव को बोला है एक सप्ताह का चारा आदि उपलब्ध कराएं इसके बाद हम हम देखते हैं आगे क्या हो सकता है।वहीं 64 गायों की मौत पर उन्होंने कहा कि उस समय हम यहां नहीं थे और मुझे जानकारी नहीं है।