गया ज़िला के इमामगंज विधानसभा के कोठी थाना के बेलवार घाट पर बीते 12 फरवरी को आग लग्गी घटना के बाद काफी चर्चा का माहौल बना है। वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अख़बार के माध्यम से बालू बंदोबस्ती को रद्द कराने के लिए धरने पर बैठे ग्रामीणों के साथ धरने पर भैठने का आह्वान किया था। बेलवार घाट पर धरने पर बैठे ग्रामीण जनता पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का इंतेज़ार करती रह गई। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अपने वादे के अनुसार धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए। जिससे जनता में काफी आक्रोश बढ़ गया। हलांकि विधायक प्रतिनिधि बीरेंद्र दाँगी जनता को बताया के इसी मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम माँझी सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात करने गए हैं। उन्हों ने विश्वास दिलाया के अतिशीघ्र बालू बंदोबस्ती रद्द होगा। जनता ने भी कहा के पूर्व मुख्यमंत्री जी का यह भी आश्वाशन का इंतेज़ार कर लेते हैं। वहीं बालू उठाव के विरोध में बैठी ग्रामीण महिलाओं ने खनन के दौरान नदी में करीब 30 फीट किये गए गड्ढे पर भी खनन पदाधिकारी से सवाल किया के प्रोटोकॉल के अनुसार कितना फीट बालू का खनन करना है।
साथ ही 12 फरवरी को हुई आग लग्गी की घटना में ग्रामीणों ने कहा के ठीकेदार द्वारा आग लगाकर गरीबों को फसाया गया है। ग्रामीणों का कहना है के बेलवार बालू घाट पर ठीकेदार द्वारा सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था। लेकिन घटना के बाद सीसीटीवी कैमरा को हटा लिया गया। सीसीटीवी में रिकॉड आग लग्गी की वीडियो को क्यों नहीं सार्वजनिक किया गया के आग किसने लगाया। क्योंकि अभी तक बालू घाट के जगह जगह पर लिखकर तख्ती लगी है के आप सीसीटीवी की निगरानी में हैं। वहीं ग्रामीण महिलाओं का कहना है के इतना गड्ढा खोद दिया गया है के इसमें कई बार भैंस फस गई,बच्चे नहाने गए तो फस गए। कभी भी अनहोनी हो सकती है। साथ साथ यह भी कहा के पेयजल पर संकट आजाएगी। इसलिए हमलोग बालू का उठाव मशीन से कतई न होने देंगे। इसके लिए जितना दिन भी आंदोलन करना पड़े। वहीं आंदोलनकारी भवानी सिंह पर हुए मुकदमे के बाद वे पुलिस अनुमण्डल पदाधिकारी के पास आत्मसमपर्ण किया है। इसे लेकर इमामगंज के दुकानदार ने आज दूसरे दिन भी अपनी दुकानें बंद रखी। आपको बतादें की इमामगंज विधानसभा में अभी बालू उठाव को लेकर राजनीति गरमाई है।