पेड़ों को फील्ड और डिजिटल माध्यम से किया जाएगा संरक्षित, प्रहरी ऐप के जरिए 21 प्रजाति के पेड़ों का किया गया जियो टैगिंग

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। महात्मा गांधी के चंपारण मे अब एक नई क्रांति व नई मुहिम का शंखनाद हुआ है। जो अपने आप मे काफी सराहनीय है। अब तक आपने वृद्धों, विधवा अथवा विकलांग लोगों के पेंशन के बारे में देखा व सुना होगा लेकिन आज हम आपको एक नई पेंशन योजना के बारे मे बतायेंगे जिसे सुन आप रोमांचित हो जायेंगे।

मोतिहारी जिला प्रशासन ने अब यहाँ के वैसे पेड़ों जिनकी उम्र पचास साल या उससे अधिक की हो गयी है अब उन्हे पेंशन देने जा रही है। चंपारण एक बार फिर एक बड़ी मुहिम व एक बड़े आंदोलन की शुरुआत कर रहा है, जिसके अंतर्गत अब जिले के पेड़ पौधों को बचाने, उन्हें संरक्षित करने व उनकी लंबी उम्र के लिए कई तरह की योजनाओं को तैयार किया जा रहा। ताकि मनुष्य को जीवन रूपी ऑक्सीजन देने वाली इन अनमोल धरोहरों को बचाया जा सके। कोरोना महामारी मे पेड़ों के महत्व को समझने वाले चंपारण वासियों ने अब ठाना है की अब पुराने व कीमती पेड़ों को बचाना है ,,जिसको लेकर अब ये मुहिम आंदोलन का रूप लेने लगी है।

इस योजना को सफल करने के लिए जिला प्रशासन दो तरह से कार्य कर रही है। जिसमें एक माधयम डिजिटल तो दूसरा फील्ड माधयम है। डिजिटल माधयम से यहाँ के पेड़ों को संरक्षित करने के लिए एक ऐप लॉन्च किया गया है। जिसके अंतर्गत पर्यावरण प्रहरी ऐप बनाया गया है, जिसमें पचास साल से अधिक उम्र के 21 प्रजाति के पेड़ों का जियो टैगिंग कर दिया गया है और लोगों को इसकी देख रेख व रखरखाय की जिम्मेवारी दी जा रही है। इसके साथ ही इसमें एक अन्य योजना गार्डियन ऑफ चंपारण को भी जोड़ा गया है, जो यूट्यूब पर भी उपलब्ध है और इसे आप देश के किसी भी कोने में देख व समझ सकते हैं।

इस योजना मे आप अपने बच्चों, पत्नी माँ बाप या किसी के नाम पर इन पेड़ों को गोद ले सकते हैं और इनका संरक्षण कर सकते हैं। इसी योजना के तहत अबतक जिले में बारह हजार पेड़ों का जियो टैगिंग कर दिया गया है और लगभग तिरपन हजार पांच सौ पेड़ों को इनके संरक्षक को सौप भी दिया गया है। वहीं अगर फील्ड की बात करें तो इस योजना के अंतर्गत यहाँ के 18 पुराने पेड़ों पर मिट्टी भराई,, व अन्य बचाव रोधी कार्य किये गए है और शिक्षा विभाग की मदद से वृक्ष पाठसाला चलाया जा रहा है।

जिसमें आम जनों को वृक्ष की अहमियत व अन्य बातों की शिक्षा दी जा रही है। इसके साथ ही जीविका दीदियों के साथ इन पेड़ों का रक्षा बंधन करवाया जा रहा है। वहीं दीपावली पर दीपोत्सव भी किया गया ताकि आम लोगों में पेड़ों के प्रति सम्मान बढे और लोग इसे संरक्षित करें। वहीं एक अन्य योजना जिसका नाम गर्डियन ऑफ ट्री रखा गया है, जो कि जीविका दीदियों द्वारा संचालित किया गया है और इसके अंतर्गत सौ वैसे पेड़ों जो की सौ साल से अधिक के हैं।

उनको नया जीवन देने व उन्हे संरक्षित करने के लिए एक पेंशन योजना रखी गयी है। जिसके अंतर्गत जीविका समूहों को जिला प्रशासन प्रति माह चार सौ रुपये मासिक देगी, ताकि वे इन पुराने व कीमती धरोहरों को समय समय पर ये जीविका समूह के लोग इन पेड़ों को खाद, बीज पानी व जरूरी दवाएं उपलब्ध करवा सकें। मोतिहारी जिला प्रसाशन ने पेड़ों को बचाने व उन्हे संरक्षित करने का जो प्रयास किया है। निश्चित रूप से वह काबिले तारीफ है और इसकी जितनी प्रशंसा की जाए वो कम है।

मोतिहारी से धर्मेंद्र की रिपोर्ट

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