प्रत्येक माह 18 से 20 लाख का राजस्व देने वाला मुंगेर बिहार राज्य पथ परिवहन निगम का कार्यालय बिल्कुल जर्जर स्थिति में । कार्यालय में काम कर रहे 10 कर्मचारियों की जिंदगी हमेशा हसिए पे,कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा का गवाह । कर्मचारियों ने कहा मजबूरी है इसमें काम कारना, नहीं है कोई सुनने वाला पेस है एक रिपोर्ट ।
मुंगेर जिला मुख्यालय में पुलिस लाइन के समीप बना बिहार राज्य पथ परिवहन निगम कार्यालय पिछले 15 वर्षो से बिलकुल जर्जर भवन में चल रहा है। कार्यालय फिल्मों में दिखाए भुतहा भवन से कम नहीं । पांच कमरों वाला इस कार्यालय में कार्य करने वाले 8 से 10 कर्मचारियों की जिंदगी पे खतरा हमेशा बना रहता है । भवन इतना जर्जर हो गया है की किसी प्रत्येक कमरों के दीवार पूरी तरह क्रेक हो चुके है , दिवालों और छत का प्लास्टर कई जगहों से निकल चुका है। जर्जर भवन के छत के नीचे कार्य करने के दौरान छत से प्लास्टर गिरने से कई कर्मचारी जख्मी हो चुके हैं। कमरों में त्रिपाल लगा कर्मचारी कर रहे है काम। कार्यालय के दरवाजे और खिड़की टूट चुके है । दीवालो और खिड़की को बांस के सहारे संभाला गया है । निगम के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है। बताते चलें कि बारिश के मौसम में छत से पानी टपकने के कारण कई जरूरी दस्तावेज पानी से भीग कर बर्बाद हो जाते हैं। बताते चले की यह कार्यालय प्रत्येक माह 18 से 20 लाख का राजस्व की आमदनी निगम को देता है । पर कर्मचारियों के लिए एक ढंग का कार्यालय भी नही है । न तो इसमें पानी की और न ही शौचालय की ही व्यवस्था है । पिछले 20 सालों से सभी कमरे पूरी तरह से जर्जर हो चूके हैं। यदि जल्द ही नए भवन का निर्माण नहीं कराया गया तो किसी भी समय बड़े हादसे का शिकार कर्मचारी हो सकते हैं। विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि नए भवन के लिए दर्जनों बार लिखित आवेदन दिया गया। इसके बाद भी अब तक विभाग की ओर से स्वीकृति भवन निर्माण के लिए नहीं मिली । कर्मचारी बताते है की हमेशा वो भय के वातावरण में कार्य करने को विवश है। रोजाना कहीं न कहीं पे छत का प्लास्टर टूट के गिरता रहता है। वहीं कार्यालय में कार्य कर रहे टी आई हेड क्वार्टर विजय कुमार ने बताया की कई बार इसके फोटो खींच आवेदन दे मुख्यालय का इस भवन की स्थिति से अवगत कराया गया पर अब तक कुछ नहीं हुआ।