NewsPRLive– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मेघालय की राजधानी शिलांग में नॉर्थ-ईस्ट काउंसिल के गोल्डन जुबली समारोह में भाग लिया। इस मौके पर मेघालय के राज्यपाल बी. डी. मिश्रा, मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा एवं अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हाल ही में हुई नॉर्थ-ईस्ट काउंसिल(NEC) की मीटिंग में प्रधानमंत्री जी ने न केवल नॉर्थ-ईस्ट काउंसिल में पिछले 50 सालों में हुए काम की सराहना की बल्कि NEC को आगे आने वाले 25 सालों में उत्तर-पूर्व के विकास के सभी आयामों का खाका खींच कर पर अपने लक्ष्य तय करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 8 साल पहले का उत्तर-पूर्व और आज का उत्तर-पूर्व की तुलना करें तो पता चलता है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर-पूर्व शांति और विकास पथ पर निरंतर आगे बढ़ता हुआ नजर आता है।
श्री शाह ने कहा कि पहले उत्तर-पूर्व को आवंटित बजट नीचे तक नहीं पहुंच पाता था लेकिन श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बजट का लाभ आज गांवों तक पहुंचकर उपयोगी कार्य में परिवर्तित हो रहा है जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा उत्तर-पूर्व को प्राथमिकता दी है। इसी के चलते स्वयं प्रधानमंत्री पिछले 8 साल में 50 से भी अधिक बार उत्तर पूर्व आए तो वहीं 400 से अधिक बार मंत्रियों ने भी उत्तर-पूर्व का दौरा किया।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पहले नॉर्थ-ईस्ट का विकास नॉर्थ-ईस्ट काउंसिल के सीमित बजट तक रुका हुआ था लेकिन प्रधानमंत्री जी ने इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट को केंद्रीय स्तर पर लेकर उत्तर-पूर्व के इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नया आकार और नया आयाम देने का काम किया। जिसके चलते उत्तर-पूर्व में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ीं, ढ़ेर सारी छोटी-छोटी इंडस्ट्रीज, शिक्षा संस्थान और स्पोर्टस् से जुड़े हुए संस्थान भी खुले। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने उत्तर-पूर्व की प्रत्येक राजधानी को रोड,ट्रेन और एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने का प्रकल्प भी लिया है।
केंद्रीय मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज उत्तर-पूर्व सभी विवादों के मुक्त हुआ है और यहां शांति प्रस्थापित हुई है। 8 साल से पहले पूरा उत्तर पूर्व बंद, हड़ताल, बम धमाकों और गोलीबारी से जाना जाता था जहां अलग-अलग ग्रुप के उग्रवादी समूहों के द्वारा अलग-अलग घटनाओं को अंजाम दिए जाने के कारण उत्तर-पूर्व के लोग चैन की सांस नहीं ले पा रहे थे। लेकिने पिछले 8 सालों के अंदर यहां विद्रोह की घटनाओं में 74% कमी, सुरक्षाबलों पर हमले की घटनाओं में 60% कमी और नागरिकों की मौत में 89% की कमी आई है वहीं लगभग 8000 युवा सरेंडर कर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में यह बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि शांति के बिना विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य के संस्थान आना संभव नहीं है।
श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कालखंड में ही 2019 में एनएलएफटी से समझौता, 2020 में ब्रू व बोड़ो समझौता, 2021 में कार्बी समझौता और असम-मेघालय व असम-अरुणाचल सीमा के विवाद भी लगभग समाप्त हो गए हैं और उत्तर-पूर्व शांति बहाली के साथ ही विकास के रास्ते पर अग्रसर हुआ है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि पहले उत्तर-पूर्व से AFSPA को हटाने के लिए डिमांड आती थी अब डिमांड नहीं आती बल्कि भारत सरकार दो कदम आगे बढ़कर AFSPA हटाने के लिए इनीशिएटिव ले रही हैं। उन्होंने कहा कि आज असम के 60% क्षेत्र, नागालैंड के 7 जिले, मणिपुर के 6 जिलों के 15 पुलिस स्टेशन और त्रिपुरा व मेघालय पूर्णतया अफस्पा मुक्त हुए हैं तो अरुणाचल में एक ही जिला अफस्पा मुक्त होने से बाकी बचा है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने विश्वास जताया कि उत्तर-पूर्व के विकास के लिए मोदी जी ने NEC के सामने जो लक्ष्य रखें है, उन्हें NEC व उत्तर-पूर्व राज्यों के मुख्यमंत्री समय पर पूर्ण करने के लिए संकल्पित होकर कार्य करेंगे और नॉर्थ-ईस्ट को देश के अन्य हिस्सों की तरह विकसित,शांत,रोजगार युक्त क्षेत्र बनाने के लिए प्रयासरत रहेंगे।